नगर परिषद के गरीब टोला (भिरखी) के आस-पास के निर्धन परिवारों के छात्र-छात्राओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने, छोटे-छोटे बच्चों में अनुशासन का बीज डालने एवं सुव्यवस्थित ढंग से सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अभिरूचि पैदा करने के लिए इस नवोदित स्कूल के संस्थापक अशोक कुमार, निदेशक आशीष राज व गुड़िया झा की पूरी टीम लगभग दो वर्षों से ही “यू.एस.ए. इंटरनेशनल स्कूल” नाम देकर बच्चों में संस्कार भरने का संकल्प लिया है- यह सर्वाधिक प्रशंसनीय प्रयास है।
यह भी बता दें कि मधेपुरा में स्कूलों की कमी नहीं है । किरण पब्लिक, हॉली क्रॉस, माया निकेतन आदि-आदि जैसे श्रेष्ठ स्कूल भी हैं जिन्होंने काफी ऊंचाइयाँ हासिल की हैं । फिर भी 68वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यू.एस.ए. इंटरनेशनल स्कूल परिवार द्वारा बच्चों की प्रतिभाओं को निखारने हेतु एक भव्य सांस्कृतिक आयोजन का श्रीगणेश स्कूल परिसर में ही किया गया ।

बता दें कि इस सांस्कृतिक समारोह के लिए बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय के वर्तमान विद्वान प्रतिकुलपति डॉ.जे.पी.एन.झा को उद्घाटनकर्ता एवं पूर्व परीक्षा नियंत्रक समाजसेवी साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित किया गया । सर्वप्रथम बच्चियों द्वारा अतिथियों को पुष्पगुच्छ के साथ स्वागतगान से सम्मानित किया गया । लगे हाथ उद्घाटनकर्ता श्री झा, मुख्य अतिथि डॉ.मधेपुरी, संस्थापक अशोक कुमार, निदेशक आशीष राज, पत्रकार संजय परमार गरिमा उर्विशा आदि ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया ।
जहाँ मौके पर उद्घाटनकर्ता डॉ.झा ने स्कूल के बच्चे-बच्चियों के अनुशासित होने की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि बच्चों में ऐसा संस्कार पैदा करें कि वे देश का सफल एवं जवाबदेह नागरिक बने, वहीँ प्रतिकुलपति ने बच्चों को कठिन परिश्रम कर पढ़ाई करने की बातें भी कही ।

यह भी कि जहाँ मुख्य अतिथि डॉ.मधेपुरी ने अपने सांसों में बसनेवाले गांधीयन मिसाइलमैन डॉ.कलाम के ‘शून्य से शिखर तक’ की कहानियों की विस्तृत चर्चा करते हुए यू.एस.ए. इंटरनेशनल स्कूल परिसर को ‘कलाममय’ बना दिया वहीं उन्होंने समारोह में उपस्थित मातृशक्ति को सम्मान देते हुए कहा कि लोगों को शक्ति, संपत्ति एवं सद्ज्ञान के लिए सदा से ही माँ दुर्गा, लक्ष्मी एवं सरस्वती की ही बन्दना करनी पड़ती है | डॉ.मधेपुरी ने उपस्थित मातृशक्ति से यह भी कहा कि आपके बच्चों में ईश्वरीय तेज छिपा है | आप उसे पंख लगा दें ताकि वह चारों ओर अच्छाइयों का प्रकाश फैलाता रहे |
उद्घाटन सत्र के बाद स्कूली बच्चों द्वारा गीत, संगीत व नृत्य की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी गई | कभी सेना के जवानों के जज्बों पर आधारित प्रस्तुति तो कभी समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार की कुरीतियों पर चोट करने वाली प्रस्तुति- स्कूली बच्चे-बच्चियों द्वारा दी गई | बच्चों ने लघुनाटक के माध्यम से समाज को जगाया भी | बेहतरीन प्रस्तुति के साथ बाल कलाकारों- मेघा-छाया-कोमल, अर्चना-आयुषी-सोनम, रुपेश-विकास-अकरम, राजा-नितेश-सत्यम आदि ने राष्ट्रीय भावनाओं को इस तरह मंचित किया कि दर्शक घंटो बंधे रहे और झूमते रहे |
अंत में प्राचार्य डी.कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया | गरिमा उर्विशा को मंच संचालन के लिए काफी सराहना मिली |