Al Nahyan with Narendra Modi

अबु धाबी के शहजादे ने कहा भारत जैसा कोई नहीं

गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत आए अबु धाबी के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भारत के मुरीद हो गए। गणतंत्र दिवस परेड की भव्यता, भारत का समृद्ध अतीत और वर्तमान की उपलब्धियां, भारत की मेहमाननवाजी और भारतीय संस्कारों में बसे हमारे मूल्य – अल नाहयान कहने को बाध्य हो गए कि भारत जैसा कोई नहीं। गौरतलब है कि अल नाहयान राजपथ पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य गणमान्य हस्तियों के साथ मुख्य परेड के गवाह बने थे। उन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह को ‘विविधता में एकता का जश्न’ की संज्ञा दी और कहा कि भारत ने इसके माध्यम से दुनिया को मानवता का संदेश दिया है।

अबु धाबी के शहजादे ने अपने औपचारिक ट्विटर अकाउंट एमबीज़ेड न्यूज पर कहा है कि मैं भारतीय लोगों के साथ गणतंत्र दिवस समारोह में शरीक होकर बहुत खुश हूँ और सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह में यूएई की भागीदारी हमारे रिश्तों की गहराई को दर्शाती है जो आपसी सम्मान और समान हितों पर आधारित है। बता दें कि भारत के इस 68वें गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर यूएई सेना की टुकड़ी ने भी अपने देश के ध्वज के साथ हिस्सा लिया जिसमें उनका संगीत बैंड शामिल था। इस टुकड़ी में कुल 149 जवान थे जिनमें 35 संगीतकार हैं।

बता दें कि अबु धाबी के शहजादे अल नाहयान दुनिया के उन गिने-चुने नेताओं में शामिल हो गए हैं जिन्हें भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि का दर्जा दिया गया है। पिछले साल गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद थे, जबकि साल 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि थे। इसी तरह साल 2014 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे और 2013 में भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक मुख्य अतिथि थे। भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने वाले नेताओं में निकोलस सरकोजी, ब्लादीमिर पुतिन, नेल्सन मंडेला, जॉन मेजर, मोहम्मद खातमी, याक शिराक आदि प्रमुख रहे हैं।

इस साल गणतंत्र दिवस का एक बड़ा आकर्षण यह भी रहा कि इस अवसर पर दुनिया की सबसे ऊँची इमारत बुर्ज खलीफा को एलईडी प्रकाश के माध्यम से तिरंगे के रंग से रंगा गया। भारत-यूएई के प्रगाढ़ संबंधों के साथ-साथ इसे विश्व-मंच पर भारत के बढ़ते कद की स्वीकृति कहना भी अनुचित नहीं होगा।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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