Founder Vice-Chancellor BNMU Dr.R.K.Yadav, Dr.Bhupendra Madhepuri, Sri Harishankar Salabh , Dr.K.K.Mandal and others at Kaushiki Sahitya Sammelan Madhepura.

कोसी के अतिचर्चित गीतकार ‘सुधाकर’ हुए सम्मानित !

कोसी अंचल के सुमधुर गीतों के संवेदनशील गायक ही नहीं बल्कि प्रेम और सौंदर्य, विरह और मिलन, आशा और निराशा के गीतों के साथ-साथ दर्द और पीड़ा के महानगायक सुबोध कुमार सुधाकर को कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सचिव डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी द्वारा सम्मान समारोह आयोजित कर अंगवस्त्रम, पाग व पुष्पगुच्छादि के अतिरिक्त “कौशिकी साहित्य रत्न” से भी सम्मानित किया गया | समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ ने की तथा उद्घाटन पूर्व सांसद व संस्थापक कुलपति डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि ने |

इस सम्मान समारोह में कोसी के तीनों जिले के मूर्धन्य साहित्यकारों की भावपूर्ण उपस्थिति देखी गयी | जहां सुपौल जिले के साहित्यकार ध्रुव नारायण सिंह ‘राई’, शंभु नाथ अरुणाभ, अलका वर्मा डॉ.विश्वनाथ सर्राफ दिखे वहीं सहरसा-मधेपुरा के डॉ.अरविंद श्रीवास्तव, डॉ.विश्वनाथ विवेका. डॉ.शांति यादव, डॉ.विनय कुमार चौधरी, डॉ.सिद्धेश्वर काश्यप सहित मंडल विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी के विभागाध्यक्ष डॉ.इंद्र नारायण यादव की गरिमामयी उपस्थिति अंत तक बनी रही | सबों ने सुकवि सुधाकर के गीतों की चतुर्वेणी की जी भर कर सराहना की |

आरंभ में सुकवि सुधाकर ने अपनी विभिन्न काव्य पुस्तकों- बीन के तार, खोल तरी पतवार, चल नदिया के पार आदि से दर्जनों प्रेम-सौंदर्य एवं दर्द-पीड़ा के गीतों का ‘एकल काव्य पाठ’ किया और जमकर तालियां बटोरी |

जहां एक ओर भू.ना.मंडल विश्वविद्यालय के विद्वान संस्थापक कुलपति डॉ.आर.के. यादव ‘रवि’ ने उनके गीतों की शास्त्रीय समीक्षा की और प्रेम को सर्वाधिक व्यापक बताया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने माता और पुत्र के बीच प्रेम; पति-पत्नी के बीच ‘प्रेम’ के साथ-साथ धरती के कण-कण में ‘प्रेम’ की व्यापकता को विस्तार से प्रदर्शित किया |

यह भी बता दें कि जहां अध्यक्ष कवि शलभ ने कहा कि सुधाकर के गीतों में आह्लाद और अवसाद के सरस समन्वय हैं जो उनके कोमल व्यक्तित्व को प्रतिबिंबित करते हैं वहीं तिलकामांझी विश्वविद्यालय में प्रतिकुलपति रहे डॉ.के.के.मंडल, सुरेंद्र भारती, प्राचार्य श्यामल किशोर यादव एवं मिश्रीलाल आदि ने सुकवि सुबोध के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर भरपूर प्रकाश डालते हुए उनकी सृजनात्मक ऊर्जा की सराहना की |

समारोह में सुधी श्रोता के रूप में कविवर सुधाकर के सम्मान में अंत तक अपनी उपस्थिति बनाये रखनेवाले मान्य साहित्यानुरागियों सहित सियाराम यादव मयंक, प्राण मोहन यादव, रंगकर्मी विकास कुमार, पूर्व सैनिक दिलीप कुमार, संतोष कुमार सिन्हा, रघुनाथ यादव, डॉ.सुरेश कुमार भूषण सहित तुलसी पब्लिक स्कूल के निदेशक एवं कौशिकी के उप सचिव श्यामल कुमार सुमित्र की पूरी टीम को सम्मेलन के सचिव डॉ.मधेपुरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया |

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