चुनाव आयोग ने पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 4 मार्च के बीच कुल सात चरणों में चुनाव होंगे। पंजाब और गोवा में चुनाव की तारीख 4 फरवरी और उत्तराखंड में 15 फरवरी निश्चित की गई है, जबकि मणिपुर में दो चरणों में 4 और 8 मार्च को चुनाव होंगे। सभी राज्यों में मतों की गिनती 11 मार्च को होगी।
सबसे पहले बात राजनीतिक रूप से सर्वाधिक महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश की। उत्तर प्रदेश की 403 सीटों के लिए सात चरणों में चुनाव होंगे। 11 फरवरी को पश्चिमी यूपी के 15 जिलों की 73 सीटों पर मतदान होगा। दूसरे दौर में 15 फरवरी को उत्तराखंड से लगे जिलों की 67 सीटों पर चुनाव होंगे। तीसरे दौर में 12 जिलों की 69 सीटों पर 19 फरवरी को मतदान होगा। पुन: चौथे दौर में 12 जिलों की 35 सीटों पर चुनाव होंगे। पाँचवें चरण में 11 जिलों की 52 सीटों पर 27 फरवरी को चुनाव होंगे। छठे चरण में 7 जिलों की 49 सीटों पर 4 मार्च को मतदान होगा। सातवें और अंतिम चरण में पूर्वांचल के 7 जिलों की 40 सीटों पर 8 मार्च को चुनाव होंगे। वर्तमान में यूपी की 403 सीटों में 224 सपा, 80 बसपा, 47 भाजपा, 28 कांग्रेस, 14 निर्दलीय और 14 सीटें अन्य छोटे दलों के पास हैं।
पंजाब में 4 फरवरी को चुनाव होंगे। वहाँ कुल 117 सीटें हैं। वर्तमान में इनमें से 54 सीटें शिरोमणि अकाली दल, 12 भाजपा, 26 कांग्रेस और 6 निर्दलीय के पास हैं। गोवा की 40 सीटों के लिए भी 4 फरवरी को ही चुनाव होने हैं। वर्तमान में इन 40 सीटों में 21 भाजपा, 9 कांग्रेस, 5 निर्दलीय, 3 महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी और 2 गोवा विकास पार्टी के पास हैं।
उत्तराखंड में 15 फरवरी को चुनाव होने हैं। वहाँ कुल 70 सीटें हैं। वर्तमान में इनमें 32 कांग्रेस, 31 भाजपा, 3 बसपा, 3 निर्दलीय और 1 सीट उत्तराखंड क्रांति दल के पास है। उधर मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों में से 38 पर 4 मार्च को और शेष 2 सीटों पर 8 मार्च को चुनाव होंगे।
दिल्ली स्थित निर्वाचन आयोग में चुनाव कार्यक्रम का ऐलान करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि इन चुनावों में पहली बार ईवीएम पर उम्मीदवारों के नामों के साथ उनकी तस्वीरें भी लगी होंगी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में उम्मीदवारों के खर्च की सीमा 28 लाख रखी गई है, जबकि मणिपुर और गोवा में यह सीमा 20 लाख की होगी। कहने की जरूरत नहीं कि चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही पाँचों राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई है। अब केन्द्र या राज्य सरकार इन राज्यों के लिए किसी स्कीम आदि की घोषणा नहीं कर सकती।