किसान संसद के अध्यक्ष आद्यानंद यादव एवं सचिव शंभू शरण भारतीय द्वारा गजलकार दुष्यंत कुमार की पुण्यतिथि समारोह डी.आर.डी.ए. के झल्लू बाबू सभागार में आयोजित किया गया जिसका शुभारंभ तो किया डीडीसी मिथिलेश कुमार ने परंतु मुख्य अतिथि के रुप में डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, रुपेश रूपक, शम्भू नाथ अरुणाभ, ध्रुव नारायण सिंह राई, डॉ.विश्वनाथ सर्राफ, अभिनंदन मंडल, सियाराम मयंक, ई.हरिश्चंद्र मंडल सहित सभी कवियों की कविताओं एवं गज़लों में दलितों शोषितों और मेहनतकश किसानों की आहत भावनाओं की स्पष्ट झलक अंत तक देखने को मिलती रही |
मौके पर जिला आदिवासी कला केंद्र के संस्थापक संजय कुमार सहित भित्ति चित्रकला को कागज एवं कैनवास पर करीने से अंकित करने की मुहिम में जुटे रेखा टुडू, अनीता मुर्मू, चांदमुनी मुर्मू, सुनिता हांसदा, सूरजमुनी सोरेन, खुशबू बास्की, सुनीता मरांडी, सुनीता हसदा एवं सुनीता बास्की की पेंटिंग की सराहना की गयी तथा डीडीसी मिथलेश कुमार द्वारा अंगवस्त्रम एवं नगद राशि भेंटकर उन्हें सम्मानित किया गया |
यह भी बता दें कि एस.सी.ई.आर.टी. के- कला समेकित अधिगम शिक्षण प्रणाली में जिला प्रतिनिधि सुजीत कुमार सिंह, औषधीय किसान रामदेव रमण सहित आनंद कुमार, उमेश कुमार, भारती कुमारी, डॉ.सुरेश भूषण, मधुमाला भारतीय, श्वेता शरण भारतीय, दीपशिखा भारतीय, गोलू कुमार, वशिष्ठ कुमार, सोनू कुमार सुमन सहित दर्जनों दर्शकों की उपस्थिति में जहां अभिनंदन मंडल और डॉ.विश्वनाथ सर्राफ के गीत-गजल तालियां बटोरती रहीं वहीं सचिव शंभू शरण भारतीय एवं उनके गुरु डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी की गजलें सुधी श्रोताओं को गम्भीर चिंतन की गहराई में उतारती रही ।
काफी देर तक चले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जहां किसान संसद के अध्यक्ष आद्यानंद ने की, वहीं संचालन सचिव शंभू शरण भारतीय तथा धन्यवाद ज्ञापन रामदेव रमण ने किया |