नोटबंदी पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का हमलावर रुख लगातार बना हुआ है। कल ही उन्होंने कहा था कि नोटबंदी का वही हश्र होगा जो कांग्रेस के नसबंदी अभियान का हुआ था और आज उन्होंने नोटबंदी पर व्यापक आंदोलन का ऐलान करते हुए कहा कि सभी गैर भाजपा और समाजवादी दलों को एकजुट किया जाएगा। सभी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पार्टियों को एकजुट कर इसके खिलाफ व्यापक रणनीति तैयार की जाएगी। बता दें कि लालू ने नोटबंदी के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए आज आरजेडी की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद के खोदे गड्ढ़े में गिर गए हैं। आज मजदूरों, किसानों, छात्रों समेत आमजनों की स्थिति बदतर हो गई है। भाजपा नेताओं के पास ही सारा कालाधन है और उनके पास से ही यह निकल रहा है।
केन्द्र के ‘कैशलेस अभियान’ पर लालू ने कहा कि मोदी कैशलेस-कैशलेस चिल्लाते रहते हैं, इस तरह की फालतू बातें बोलने से क्या उन्हें ‘ऑक्सीजन’ मिलता है? पे-टीएम के प्रचार पर उन्होंने सवाल उठाया कि गांव का गरीब कहां से पे-टीएम करेगा? उसके पास मोबाइल कहां है? प्रधानमंत्री और केन्द्र सरकार पर आरोपों की बौछार के बीच उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि केन्द्र सरकार ने दो हजार के नोट पर गांधीजी के चश्मे के पीछे भाजपा का स्वच्छता का स्लोगन लिख दिया है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच हो और इसे तुरंत हटाया जाए।
नोटबंदी के मुद्दे पर नीतीश के साथ मतभेद को खारिज करते हुए लालू ने कहा कि जनता की समस्या पर हम और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक साथ हैं। महागठबंधन की सरकार में कोई टकराव नहीं है। गौरतलब है कि नीतीश पहले दिन से नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं, हालांकि इसे लागू करने के तरीके से उनकी असहमति जरूर थी।
बता दें कि इस मुद्दे को लेकर लालू के आवास पर सभी जिलों और प्रखंडों से कार्यकर्ता व नेता जुटे थे। इस कार्यक्रम में प्रख्यात अर्थशास्त्री मोहन गुरूमूर्ति को भी नोटबंदी से होने वाले ‘नुकसान’ और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले इसके ‘कुप्रभावों’ को लेकर प्रस्तुतिकरण देने बुलाया गया था। गुरुमूर्ति ने आशंका जताई कि सरकार के इस कदम से देश की जीडीपी में 2.5 प्रतिशत का नुकसान हो सकता है।
बहरहाल, कार्यक्रम में तय किया गया कि केन्द्र के इस ‘जनविरोधी’ कदम के खिलाफ पटना में जल्द ही विशाल रैली आयोजित की जाएगी। उससे पहले 20 से 26 दिसंबर के बीच पंचायत से प्रखंड स्तर तक जनजागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद 28 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर विशाल धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में लालू-राबड़ी के साथ-साथ रघुवंश प्रसाद सिंह, जगदानंद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी, रामचन्द्र पूर्वे आदि पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप