सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसले के तहत सभी हाइवे पर शराब की बिक्री पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बेंच द्वारा दिए गए इस फैसले में कहा गया है कि सभी राज्यों में नेशनल हाइवे पर या उसके आसपास पड़ने वाली शराब की दुकानों के लाइसेंस खत्म कर दिए जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन में खुशी की लहर है। खास तौर पर जेडीयू के नेताओं का उत्साह देखते ही बनता है। पार्टी इसे अपने मुखिया नीतीश कुमार की शराबबंदी मुहिम पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर मान रही है।
बहरहाल, बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद करवाने के लिए अगले साल एक अप्रैल तक की समयसीमा तय की गई है। इन शराब की दुकानों का एक अप्रैल के बाद रिन्युअल नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस बड़े फैसले के बाद जेडीयू में जैसे नई जान आ गई है। पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि पार्टी ने शराबबंदी का फैसला किया और तमाम आलोचनाओं के बावजूद आज भी अडिग है। कोर्ट ने भी माना है कि शराबबंदी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की मुहिम रंग ला रही है और हम इस फैसले से बहुत ही खुश हैं। हमारे फैसले को संवैधानिक स्वीकृति मिली है।
उत्साह से लबरेज जेडीयू नेता व प्रवक्ता संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कहा कि बिहार सरकार की नीतियों पर अब पूरे देश को चलना होगा। अब केन्द्र की सरकार को भी शराबबंदी पूरे देश में लागू करने के लिए सोचना होगा। आरजेडी नेता और बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता ने भी फैसले की तारीफ की और कहा कि लोग शराब पीकर हाइवे पर गाड़ी चलाते थे और दुर्घटना के शिकार होते थे। शराब हाइवे पर होने वाली दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह थी। आज कोर्ट ने दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अच्छा फैसला दिया है। अब बिहार सरकार की शराबबंदी की मुहिम आन्दोलन का रूप लेगी।
आगे जो भी हो, कोर्ट के इस फैसले के बाद नीतीश के हौसले में अनगिनत पर लग गए होंगे, इसमें कोई दो राय नहीं। अब अपनी भावी योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए वो दोगुनी ताकत से लगेंगे। कहने की जरूरत नहीं कि इसके बाद राज्य और देश में कई समीकरण बनेंगे और कई बिगड़ेंगे, जिन पर राजनीतिक विश्लेषकों की नज़र होगी।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप