Dynamic DM Md.Sohail , Zila Parishad Adhyaksha Manju Devi and ADM attending International Human Rights Day at Madhepura Samaharnalaya Sabha Bhawan Madhepura.

भूख मानवाधिकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती

बिहार मानवाधिकार आयोग एवं मधेपुरा जिला प्रशासन के तत्वावधान में समाहरणालय सभा-भवन में आयोजित “अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस” का उद्घाटन मधेपुरा के डायनेमिक डी.एम. मो.सोहैल, मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्षा श्रीमती मंजू देवी, अध्यक्षता एडीएम मो.मुर्शीद आलम एवं संचालन समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने किया |

यह भी बता दें कि विषय प्रवेश करते हुए सर्वप्रथम डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में “भूख” को मानवाधिकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि यू.एन.ओ. द्वारा सर्वप्रथम 10 दिसंबर, 1948 को मानवाधिकारों की घोषणा की गई-

“प्रत्येक व्यक्ति स्वतंत्र पैदा होता है और उसे गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए समान अधिकारों की जरूरत होती है |” 

Dr.Bhupendra Madhepuri delivering speech at Samaharnalaya Sabha Bhawan Madhepura.
Dr.Bhupendra Madhepuri delivering speech at Samaharnalaya Sabha Bhawan Madhepura.

उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक समानता के लिए संघर्ष के साथ-साथ दासता-वेदना एवं अमानुषिक अत्याचार को निर्मूल करने हेतु आज के दिन हमें संकल्प लेना होगा |

आगे कोशी वूमन डिग्नीटी फोरम की अध्यक्षा डॉ.शांति यादव ने विस्तार से मानवाधिकारों पर चर्चा करते हुए अंत में कहा कि भोजन का अधिकार, काम करने का अधिकार तथा शिक्षा का अधिकार भी मानवाधिकार के अंतर्गत समाहित है | डॉ.यादव ने यह भी कहा कि मानवाधिकार मूलतः एक पाश्चात्य संकल्पना है जिसकी जड़ें भारत में भी गहराती गई हैं |

जिला परिषद अध्यक्षा मंजू देवी ने गरीबों के कार्यो को जल्द निष्पादित करने हेतु कार्यालय कर्मियों को सलाह दी और साधुवाद भी | समाजसेवी मो.शौकत अली, मो.महताब, विजय कुमार झा सहित कई अधिकारी-पदाधिकारी ने इस अवसर पर प्रत्येक व्यक्ति को कम-से-कम दस-दस व्यक्तियों को जागरुक करने हेतु संकल्प लेने की बातें कही |

अंत में जिलाधिकारी मो.सोहैल (भा.प्र.से.) ने उदघाटित करते हुए अपने संबोधन में यही कहा कि ‘मनुष्याधिकार’ की जगह ‘मानवाधिकार’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि स्त्री, पुरुष व नपुंसक तीनों मिलाकर मानव कहलाता है | उन्हीं तीनों यानी मानव के लिए सेवा के अधिकार की, सम्मान की रक्षा करना ही मानवाधिकार के दायरे में आता है |

अंत में डॉ.मधेपुरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अल्पाहार पैक के साथ समारोह समाप्ति की घोषणा की गई |

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