मधेपुरा जिले के उत्तर-पूरब सीमा से सटा है अररिया जिला | वहाँ के नढ्की, तमघट्टी एवं पहुंसरा गाँव जो कल तक मधेपुरा जिले के टेंगराहा-सिकियाहा गाँव की तरह मिनी चम्बल के नाम से मशहूर था , वही आज सब्जी उत्पादन का केन्द्र बन गया है | जिस जमीन पर कभी बंदूकों की आवाज़ गूंजती थी वहीँ के खेतों में आज हरी-भरी सब्जियां लहलहा रही है | दर्जनों दिगभ्रमित युवक बन्दूक-गोली का परित्याग कर अपनी मिहनत की बदौलत सोना उपजा रहे हैं | भटक रहे युवाओं को राह दिखाने के लिए अपने श्रमदीप का प्रकाश फैला रहे हैं | एक हजार एकड़ जमीन में आधुनिक तरीके से सब्जी ही नहीं बल्कि मक्का-गेहूं, सूर्यमुखी, दलहन, तेलहन, आदि नगदी फसलों की खेती कर रिकॉर्ड उत्पादन कर रहे हैं |
रानीगंज दौरे के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिन मौसम उगाई गोभी की टोकरी भेंट किये जाने पर उन्होंने किसानों को सरकारी सहयोग का भरोसा दिया जिसके तहत मुख्य-सचिव ने दो-दो पोली हाउस बनवाकर बीज से पौधे उगाने में किसानों की मदद की |

काश ! राष्ट्रीय नेता शरद यादव यदि डॉ मधेपुरी की सलाह पर टेंगराहा के इर्द-गिर्द की हजारों एकड़ परती-परांट जमीन को सरकार के “बंजर भूमि सुधार आयोग” की टीम लाकर दिखा दिए होते तो आज वह बंजर भूमि भी सोना उगलता , जहाँ के दिगभ्रमित युवाओं द्वारा लोकनायक के समक्ष हथियार समर्पित किया जा चुका था |
अररिया के गांवों की समृद्धि के लिए धन्यवाद के पात्र हैं – शिक्षित बड़े किसान मलय कुमार सिंह , रामकुमार मेहता, शिवदयाल मेहता, जिनके श्रम के फलस्वरूप गाँव में शहर की सारी सुविधाएँ उपलब्ध होती जा रही है और साधुवाद के पात्र हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ! अररिया के गांवों के लोग अब गुनगुनाने लगे हैं –
कुछ दीप जलाते हैं छत पर ,
कुछ दीप जलाते खेतों में !
श्रमदीप मगर वह सर्वोत्तम ,
जो फूल खिलाते रेतों में !!

टेंगराहा के बाबत मधेपुरा अबतक द्वारा पूछे जाने पर डॉ मधेपुरी ने कहा कि मैं अभी भी पूर्णरुपेन आशावान हूँ कि कभी-न-कभी श्रमदीप के पुजारी टेंगराहा निवासी श्री दिगम्बर प्र. यादव (अवकाश प्राप्त कृषि पदाधकारी ,पूर्णिया सरकारी कृषि फार्म) जो बार-बार बिहार सरकार द्वारा पुरस्कृत होते रहे हैं – को एक-न-एक दिन “देवेन्द्र धाम ” से प्रेरणा मिलेगी और प्राचार्य श्यामल किशोर द्वारा स्थापित देवेन्द्र उच्च माध्यमिक विद्यालय से दूर-दूर तक परती-परांट दिखने वाला वह वंजर भूमि आज नहीं तो कल, सब्जी उत्पादन केन्द्र बनने के साथ-साथ मक्का,गेहूं,सूर्यमुखी,दलहन-तेलहन आदि नकदी फसलों से लहलहा उठेगा और इस कारनामे को देखने के बहाने भी “देवेन्द्र धाम ” में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती चली जाएगी | कल्याणकारी शिव इलाके के लोगों का शोक हरण कर एक नया “अशोक नगर” स्थापित करेगा |
