कॉलेज मधेपुरा के विशाल सभागार में “सामाजिक परिवर्तन में शिक्षकों की भूमिका” विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन करते हुए बी.एन.मंडल वि.वि. के पूर्व परीक्षा नियंत्रक व समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने अपने उद्घाटन भाषण में इस धरती पर सामाजिक परिवर्तन लाने वाले गुरुऔं, समाजसेवियों एवं जनप्रतिनिधियों की सप्रसंग व्याख्या विस्तार से की और सामने शांतिपूर्वक बैठे सुधी श्रोतागण रस लेते हुए बीच-बीच में तालियां बजा-बजा कर और बहुत कुछ कहने का संकेत देते रहे, प्रोत्साहित करते रहे |
उद्घाटनकर्ता डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में विस्तारपूर्वक सामाजिक परिवर्तन से सम्बद्ध बाबू रास बिहारी लाल मंडल, शिवनंदन प्रसाद मंडल, भूपेन्द्र नारायण मंडल, बीपी मंडल, कीर्ति नारायण मंडल एवं कमलेश्वरी त्रय एवं झल्लू बाबू की चर्चा करते हुए कहा कि ये लोग समाजसेवी से अधिक सामाजिक परिवर्तन के योद्धाओं के रूप में अपनी पहचान बना-बनाकर दुनिया को अलविदा कह गये | डॉ.मधेपुरी ने यह भी कहा कि रास बिहारी बाबू ने जहां दहेज व बाल विवाह पर चोट किया वहीं शिवनंदन बाबू शिक्षा के बाबत यही कहते रहे- Not a single soul should remain uneducated on the Earth .
डॉ.मधेपुरी ने पुनः कहा कि जहाँ भूपेन्द्र बाबू ने छुआछूत पर चोट किया वहीं बी.पी. मंडल ने दुनिया में सामाजिक न्याय का परचम लहराया और जहां कीर्तिनारायण मंडल व कमलेश्वरी त्रय ने शिक्षा संस्थानों का निर्माण किया वही रामानंद मंडल उर्फ झल्लू बाबू ने नारी शिक्षा का दीप जलाया |
अंत में डॉ.मधेपुरी ने डॉ.कलाम को उद्धृत करते हुए कहा कि भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम महामहिम राष्ट्रपति बनने से पूर्व भी शिक्षक थे और बाद भी शिक्षक ही बने | जीवन के अंतिम सांस तक उन्होंने शिक्षक धर्म का पालन किया तथा विश्व के शिक्षकों को अपने कर्तव्य बोध की सीख देते-देते अनायास ही दुनिया को अलविदा कह दिया | ताजिंदगी डॉ.कलाम सामाजिक परिवर्तन में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करते रहे |
यह भी बता दें कि समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में सरकारी बीएड कॉलेज सहरसा के विद्वान प्राचार्य डॉ.राणा जयराम सिंह ने कहा कि शिक्षकों को सदैव अपनी विरासत को याद करते हुए सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन हेतु सर्वश्रेष्ठ भूमिका का निर्वहन करना चाहिए | डॉ.राणा ने यह भी कहा कि अब कोसी के युवाओं को एम.एड. करने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा | अब सहरसा को एमएड की पढ़ाई करने की अनुमति NCTE से प्राप्त हो गयी है | उन्होंने डॉ.मधेपुरी को उद्धृत करते हुए प्रशिक्षुओं को ढेर सारे जीवनोपयोगी टिप्स भी दिये |
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि द्वय टी.पी.कालेज के शिक्षा संकायाध्यक्ष डॉ.विनोद शुक्ल एवं डॉ.राजीव कुमार सहित प्राचार्य डॉ.पूनम कुमारी , डॉ.विनय कुमार चौधरी, डॉ.सिद्धेश्वर काश्यप, डॉ.आलोक कुमार ने भी अपने-अपने विचार से प्रशिक्षुओं को लाभांवित किया |
आरंभ में इस उद्घाटन सत्र का शुभारंभ मधेपुरा कॉलेज के प्राचार्य सह समारोह के अध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार ने यह कहते हुए किया कि शिक्षा वह प्रणाली है जो समाज को अपने अनुरूप ढालता है | इसके बाद अध्यक्ष के निदेशानुसार डॉ.मधेपुरी, डॉ.राणा एवं अध्यक्ष सहित सभी गण्यमान्यों ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया और लगे हाथ अतिथियों द्वारा स्मारिका का विमोचन भी किया गया |
जहां अतिथियों का स्वागत बीएड की छात्रा मधुलिका-श्वेता आदि ने की वहीं बीएड के सर्वेसर्वा व संयोजक विज्ञानानंद सिंह ने अतिथियों को अंगवस्त्रम , पाग व पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया | सुधी श्रोता के रूप में प्रो.मनोज भटनागर, प्रो.मुस्ताक मोहम्मद, प्रो.संजय परमार, प्रो.विनोद आदि अंत तक रहे | अंत में मंच संचालक प्रो.गौतम कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित कर अध्यक्ष के निदेशानुसार लंच के लिए मंच के कार्यक्रम-समाप्ति की घोषणा की |