नोटबंदी के बाद एक ओर देश भर में अफरातफरी मची है, बैंक और एटीएम में लोगों की कतार छोटी होने का नाम नहीं ले रही, तमाम विपक्षी दल संसद में सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी कालेधन के खिलाफ जारी अपनी जंग को आगे भी जारी रखने की बात कह रहे हैं और बेनामी सम्पत्ति उनका अगला निशाना होगी। नोटबंदी के बाद चाहे आमलोगों की परेशानी हो या फिर सियासी तकरार, बिहार में भी चरम पर है। सोमवार को इसको लेकर भाकपा, माले, आइसा और इनौस कार्यकर्ताओं ने राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी महासचिव और सांसद तारिक अनवर ने भी विमुद्रीकरण को बिना सोचे समझे जल्दबाजी में उठाया कदम करार दिया। सत्तारूढ़ महागठबंधन भी अपने तरीके से राज्य से लेकर केन्द्र तक इस मुद्दे को उठाने में जुटा हुआ है।
इन सारी गहमागहमी के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर माहौल को और गरमा दिया है। उन्होंने 500 और 1000 बड़े नोट बंद करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बड़े तल्ख अंदाज में पूछा है कि किसानों को किन पापों की सजा और पूंजीपति मित्रों को किन कर्मों का पुण्य दे रहे हैं? अपने ट्विटर हैंडल पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर उन्होंने प्रधानमंत्री पर जमकर निशाना साधा और कहा कि गांवों में बैंक नहीं हैं और हैं भी तो उनमें पैसे नहीं हैं। किसानों की खरीफ पैदावार पड़ी है। कोई खरीदने वाला नहीं है। रबी की बुआई के लिए पैसा नहीं है। एसी कमरों में नीति बनाने वालों को किसानी का ‘क’ भी नहीं पता है। किसान मर रहे हैं। इन हालात में जनता को भाषण नहीं राशन चाहिए।
नोटबंदी को लेकर लालू पहले भी मोदी पर भड़ास निकाल चुके हैं। अपने एक बयान में उन्होंने नोटबंदी को मोदी का फर्जिकल स्ट्राइक बताया है। उन्होंने कहा कि इतनी परेशानी के बाद भी अगर जनता के खातों में 15-15 लाख नहीं आए तो इसका मतलब साफ होगा कि नरेन्द्र मोदी का यह फर्जिकल स्ट्राइक था। इसी के साथ आम जनता का फेक एनकाउंटर भी। लालू का कहना है कि वह खुद कालाधन के खिलाफ हैं, लकिन प्रधानमंत्री के काम में दूरदर्शिता का पूरा अभाव दिख रहा है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि अगर मोदी कालाधन को समाप्त करना चाहते हैं तो फिर दो हजार का नोट क्यों ला रहे हैं?
बिहार के उपमुख्यमंत्री और लालू के छोटे बेटे तेजस्वी भी ट्वीट-युद्ध और मोदी पर तंज कसने में अपने पिता से पीछे नहीं। उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री से कहा है कि जनता की परेशानी पर अगर दिल पसीज जाए तो थोड़ी रहम कर देंगे। बैंक में पैसा रहते पति का इलाज पैसे के अभाव में नहीं करा सकने के एक महिला के ट्वीट को रिट्वीट कर तेजस्वी ने कहा कि कहीं इससे पीएम का दिल पसीज जाए। इसी तरह इलाज न कराने का दर्द बयां करते एक विडियो भी उन्होंने ट्वीट किया और कहा कि पीएम इन पीड़ितों के लिए कुछ करें।
बहरहाल, अभी न तो बैंक और एटीएम की कतार छोटी हो रही, न ही नेताओं के बयान की तल्खियां। लेकिन प्रधानमंत्री ने जिस विश्वास और संकल्प के साथ नोटबंदी का इतना बड़ा कदम उठाया, अगर वो सच साबित हो जाए तो स्थिति एकदम भिन्न होगी। तब शायद अभी की परेशानियां याद न रहें – आमलोगों के साथ-साथ नेताओं को भी।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप