9 मई, 1981 को बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्र द्वारा मधेपुरा को जिला बनाया गया तथा प्रथम डीएम-एस.पी.सेठ (भा.प्र.से.) एवं प्रथम एस.पी.अभयानंद (भा.पु.से.) बने | कौन जानता था कि मधेपुरा नगर पालिका के तत्कालीन वाइस चेयरमैन डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी, जिन्होंने उन दिनों जिस अभयानंद को एसपी के रूप सम्मानित किया था- आज उसी अभयानंद को, सुपर-30 के ‘आई जी अंकल’ के नाम प्रसिद्धि प्राप्त करने के बाद, पुनः मधेपुरा की इसी ऐतिहासिक धरती पर फिजिक्स के लोकप्रिय प्रोफेसर व साहित्यकार के रूप में भारतरत्न डॉ. कलाम को समर्पित- ‘छोटा लक्ष्य एक अपराध है’ पुस्तक भेंट कर ऐसे-ऐसे समाजसेवियों एवं दिग्गज बुद्धिजीवियों के बीच सम्मानित करेंगे | डॉ. मधेपुरी ने अभयानंद के सम्मान में उद्गार व्यक्त करते हुए अंत में कहा- 48वां डीजीपी अभयानंद ने अपने योग्य पिता जगदानंद (28 वाँ डीजीपी, बिहार) के योग्यतम पुत्र तो खुद को साबित कर ही दिया है, अब आजकल ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के गॉडफादर बनकर पसीना बहा रहे हैं तथा समाज सेवियों को जगाने का काम कर रहे हैं |
डॉ.अमोल राय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उपस्थित बुद्धिजीवियों व समाजसेवियों- डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी, प्राचार्यगण प्रो.श्यामल किशोर यादव, डॉ.अशोक कुमार, डॉ.एच.एल.एस.जौहरी, अभिषद सदस्य डॉ.जवाहर पासवान, अधिषद सदस्य डॉ.नरेश कुमार, डॉ.रामचंद्र मंडल, डॉ.आलोक कुमार, प्रो.दीनानाथ मेहता, प्रो.किशोरचौधरी, रामसुंदर दास उर्फ़ बाबा जी, डॉ.संजय कुमार, मनोज कुमार, राजीव कुमार, पृथ्वीराज यदुवंशी, सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय विनोद कुमार सहित मीडिया के सुभाषचंद्र, तुरबसु, अमिताभ, दिलखुश आदि अन्य को संबोधित करते हुए पूर्व डी.जी.पी.अभयानंद ने कहा- “ग्रामीण इलाकों के बच्चों की भले ही अंग्रेजी कमजोर होती है, परंतु गणित को समझने और उससे जुड़े सवालों को सुलझाने की अद्भुत क्षमता उनमें होती है तभी तो बिना सूत्र जाने ही वे कठिन से कठिन सवाल को पल में ही हल कर देते हैं |”
यह भी बता दें कि अभयानंद ने ग्रामीण क्षेत्र के वैसे प्रतिभावान बच्चे-बच्चियों को आगे लाने हेतु यह कहा कि 18 दिसंबर 2016 को स्थानीय शिवनंदन प्रसाद मंडल इंटर स्तरीय माध्यमिक विद्यालय मधेपुरा में अभयानंद सुपर-30 में दाखिले के लिए टेस्ट होने जा रहा है | टेस्ट में सफल बच्चों को आई.आई.टी. प्रवेश परीक्षा हेतु पूरी तरह से नि:शुल्क तैयारी कराई जाएगी |
यह भी जानिए कि पूर्व डीजीपीअभयानंद ने यहां के अच्छे शिक्षकों को इस तरह के सामाजिक कार्यों के लिए आगे आने का आह्वान किया तथा यहां के बुद्धिजीवियों, शिक्षकों एवं समाजसेवियों को एक कमिटी बना लेने की सलाह भी दी ताकि मेधावी ग्रामीण बच्चों को आगे बढ़ाने हेतु मधेपुरा में भी अभयानंद सुपर-30 का मार्ग प्रशस्त हो सके |