Santhal Tribe development Scheme at Madhepura District.

मधेपुरा मॉडल पर ही संथालों के विकास की बनी योजनाएँ

और फिर एक बार नीतीश सरकार की नजर में डायनेमिक डी.एम.  मो.सोहैल का ‘मधेपुरा जिला’ नंबर वन पर | आदिवासी समुदाय के लोग होंगे प्रशिक्षित और बनेंगे आत्मनिर्भर – इसे योजनाबद्ध तरीके से लागू करके संथालों के उत्थान की नजीर ‘मधेपुरा’ को बनाने हेतु जिलापदाधिकारी मो.सोहैल (भा.प्र.से) ने मुख्यमंत्री संथाल सुनिश्चित रोजगार योजना के लिए पहल की थी जिसके फलस्वरूप फिलहाल सिर्फ मधेपुरा जिले का चयन राज्य सरकार द्वारा इस योजना के निमित्त किया गया है | बहरहाल, मधेपुरा मॉडल पर ही राज्य भर में संथालों के उत्थान के लिए बन रही है योजनाएँ |

यह भी बता दें कि जिले के आदिवासी बाहुल्य मुरलीगंज प्रखंड के रजनी पंचायत में इस महत्वाकांक्षी स्वरोजगार योजना का शुभारंभ डी.एम.  मो.सोहैल एवं एसपी विकास कुमार द्वारा सम्मिलित रूप से डी.डी.सी. मिथिलेश कुमार सहित प्रशासनिक टीम की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर किया गया | आगे संथालों को महुआ शराब के कारोबार की जगह दूसरे स्वरोजगार योजना से जोड़ने के लिए इस जिले में मुख्यमंत्री संथाल सुनिश्चित स्वरोजगार योजना का शुभारंभ किया गया और अब बिहार के अन्य आदिवासी आबादी वाले जिलों में भी शुरू कर संथालों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा | हाँ! इस योजना के तहत आदिवासी नर-नारियों को उनकी अभिरुचि के अनुसार अलग-अलग व्यवसाय हेतु प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जायेगी | साथ ही आदिवासी समुदाय की महिलाओं को खासतौर पर जीविका समूह से जोड़कर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था तथा बैंक से लोन लेने की सुविधा भी होगी | प्रशिक्षण के बाद व्यवसाय हेतु 90% तक का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा और मात्र 10% की लागत लाभुकों को देना होगा |

यह भी जानें कि प्रशिक्षण में उन आदिवासियों को गाय, बकरी, मछली, मधुमक्खी, मुर्गी पालन के साथ-साथ मोमबत्ती बनाने, डेयरी खोलने, ब्यूटी पार्लर खोलने या मशरूम की खेती, वर्मी कंपोस्ट व साईकिल मरम्मती आदि करने से भी जोड़ा जायेगा | एससी-एसटी कल्याण संघ एवं महादलित मिशन के तहत भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जायेगा | विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक मॉनिटरिंग सेल का गठन किया जायेगा जिसकी बैठक प्रतिमाह होगी | मुख्यमंत्री विकास योजना में उपलब्ध राशि से भी इस योजना में व्यय किया जा सकता है |

अंत में यह बता देना अनिवार्य है कि आदिवासियों को प्रशिक्षण देकर, बैंक से लोन एवं अनुदान दिलाकर उनके बच्चों के अच्छे भविष्य के निर्माण के लिए जो प्रस्ताव बनाकर मधेपुरा जिला के डाययेमिक डी.एम.  मो.सोहैल ने बिहार की नीतीश सरकार के पास भेजा जिसे मामूली संशोधन के साथ राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया | प्रारूप में बच्चों की पढ़ाई से लेकर रोजगार तक की गारंटी का विस्तार से वर्णन किया गया है |

चलते-चलते यह भी कि डी.एम.  की पूरी टीम पुनः हरिपुरकला पंचायत के तीनकोनमा गाँव पहुंचकर वहाँ भी इस योजना का उद्घाटन किया जहाँ के उत्साहित आदिवासियों ने परंपरागत संथाली नृत्य के अलावे चादर भेंट कर डी.एम.  मो.सोहैल, एस.पी. विकास कुमार एवं डी.डी.सी. मिथिलेश कुमार आदि का हृदय से स्वागत किया | अन्य पदाधिकारियों में अमृत शेखर पाठक, विवेक कुमार, मनोज कुमार पोद्दार, पारस कुमार, सुशील प्रसाद, सुरेन्द्र कुमार आदि मौजूद थे |

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