कॉलेज, कौशल्या ग्राम के विशाल सभा भवन में डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन ( 5 सितंबर ) पर प्रधानाचार्य डॉ.अशोक कुमार की अध्यक्षता में “शिक्षक दिवस सह शिक्षक सम्मान दिवस” समारोह का भव्य आयोजन किया गया | समारोह के उद्घाटनकर्ता थे भौतिकी के विद्वान, साहित्यकार व समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, मुख्य अतिथि टी.पी. कॉलेज में राजनीति शास्त्र के विभागाध्यक्ष रहे डॉ.के.एन.ठाकुर, विशिष्ट अतिथि पूर्व प्राचार्य डॉ.सुरेश प्रसाद यादव, पीजी मैथिली के विभागाध्यक्ष सह भारत सरकार के हैवी इंडस्ट्री के निदेशक डॉ.राम नरेश सिंह सहित पूर्व सीसीडीसी डॉ.अमोल राय, डॉ. विनय कुमार चौधरी, डॉ. उदयकृष्ण, डॉ. विज्ञानानन्द सिंह आदि |
समारोह के प्रथम चरण में छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गए स्वागत गान के बाद पुष्पगुच्छ देकर अतिथियों का स्वागत किया गया | इस अवसर पर डॉ.के.एन.ठाकुर, डॉ.रामनरेश सिंह एवं डॉ.सुरेश प्रसाद यादव को पाग व अंगवस्त्रम के साथ सम्मानित किया गया |
डॉ. राधाकृष्णन की जयन्ती ‘शिक्षक दिवस’ का उद्घाटन डॉ. मधेपुरी सहित अन्य अतिथिगण द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया तथा उनके तैल चित्र पर सबों ने पुष्पांजलि किया |
उद्घाटनकर्ता डॉ. मधेपुरी ने सर्वप्रथम अपने उद्घाटन भाषण में डॉ.एस.राधाकृष्णन के साथ बिताए लम्हों की विस्तारपूर्वक चर्चाएं की | अपने संबोधन में डॉ. मधेपुरी ने कहा कि वे सर्वाधिक सौभाग्यशाली रहे हैं जिन्हें भारत के उन महामहिम राष्ट्रपति त्रय- डॉ.राधाकृष्णन, डॉ.जाकिर हुसैन एवं डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के दिव्य दर्शन, अमरवाणी श्रवण एवं श्री गुरु चरण सरोज रज के स्पर्शन का अवसर भी परमपिता परमेश्वर ने दिया जिन्हें महामहिम राष्ट्रपति बनने से पूर्व महान शिक्षक होने के चलते ही ‘भारत रत्न’ जैसे सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया | यूं प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ.राजेंद्र प्रसाद के दर्शन-स्पर्शन के अतिरिक्त राजधानी पटना के सदाकत आश्रम से मुख्य सड़कों पर निकाली गई उनकी अंतिम यात्रा बांस घाट तक जाने और पंचतत्व में विलीन होते देखने का अवसर भी प्राप्त हुआ था |
डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात दार्शनिक, महान शिक्षाविद, उत्कृष्ट वक्ता एवं आस्थावान विचारक डॉ.राधाकृष्णन का नाम लेते ही प्रत्येक शिक्षक का सिर श्रद्धा से झुक जाता है | उन्होंने कहा कि डॉ.राधाकृष्णन दर्शनशास्त्र जैसे गंभीर विषय को भी अपनी शैली की नवीनता से इस कदर सरल और रोचक बना देते थे जिस कारण वे अपने छात्रों का स्नेह और आदर सदेव अर्जित करते रहे |
मुख्य अतिथिगण डॉ.के.एन.ठाकुर, विशिष्ट अतिथि गण डॉ.रामनरेश सिंह, डॉ.सुरेश प्र.यादव, डॉ.अमोल राय, डॉ.उदयकृष्ण, डॉ.विनय कुमार चौधरी, डॉ.आलोक कुमार, डॉ.विज्ञानानंद सिंह आदि ने अपने-अपने संबोधन में विस्तार से शिक्षकों की महत्ता पर प्रकाश डाला, डॉ.राधाकृष्णन के विभिन्न आयामों की चर्चाएं की तथा राष्ट्रवादी सोच की आवश्यकता पर बल दिया | साथ ही वक्ताओं ने जहाँ शिक्षक दिवस की महत्ता की चर्चाएं की वहीं कालेज के बेहतरीन प्रबंधन के लिए प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार सहित कॉलेज कर्मियों की भूरि-भूरि प्रशंसा भी की | मौके पर डॉ.मुस्ताक मोहम्मद, डॉ.अभय कुमार, सोनम कुमारी, डॉ.भगवान कुमार, किरण कुमारी, डॉ.सिद्देश्वर काश्यप, सचिव सच्चीदानंद, ब्रजेश मंडल आदि मौजूद थे |
अंत में अध्यक्षता कर रहे प्रधानाचार्य डॉ.अशोक कुमार ने विनम्रतापूर्वक कहा कि जो कुछ सर जमीन पर देखा जा रहा है वह उनके और महाविद्यालय परिवार के समर्पण एवं प्रतिबद्धता का फल है | मंच संचालन गौतम कुमार ने किया और धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अध्यक्ष के निदेशानुसार समापन की घोषणा की गई |