Sachiv Kaushiki Kshetra Hindi Sahitya Sammelan Madhepura Dr.Bhupendra Madhepuri honouring to Nagar Vyapar Mandal Adhyaksh Madhepura Yogendra Pransukhka in presence of Founder Vice-Chancellor BNMU Dr.R.K.Yadav Ravi , Hari Shankar Shrivastav Shalabh and others at Ambika Sabhagaar Madhepura.

कौशिकी के अम्बिका सभागार में तुलसी जयन्ती का भव्य आयोजन

कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन संस्थान के अम्बिका सभागार में कोसी के वरिष्ठ साहित्यकार-इतिहासकार हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ की अध्यक्षता में तुलसी जयन्ती का भव्य आयोजन किया गया | इस अवसर पर मुख्य अतिथि रहे पूर्व सांसद, साहित्यकार एवं संस्थापक कुलपति डॉ. रमेंद्र कुमार यादव रवि, मुख्य वक्ता योगेंद्र प्राणसुखका, नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष तथा विशिष्ट अतिथि डॉ.के.के.मंडल प्रतिकुलपति |
आरम्भ में गोस्वामी तुलसीदास के तैल चित्र पर गणमान्यों के द्वारा पुष्पांजलि की गई | श्रद्धांजलि के चन्द शब्दों के साथ अध्यक्ष श्री शलभ ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस से जो शील, शक्ति और भक्ति की पवित्र धारा निकलती है उसके सभी प्रसंगों में राम के आदर्श और मर्यादा का प्रतिबिंब दृष्टिगोचर होता है |

Mukhya Vakta Mr.Yogendra Pransukhka addressing Tulsi Jayanti Samaroh at Ambika Sabhagar in presence of Kaushiki President Mr.Shalabh, Sanrakaskha Dr.Ravi and Secretary Dr.Madhepuri and audience too.
Mukhya Vakta Mr.Yogendra Pransukhka addressing Tulsi Jayanti Samaroh at Ambika Sabhagar in presence of Kaushiki President Mr.Shalabh, Sanrakaskha Dr.Ravi and Secretary Dr.Madhepuri and audience too.

संरक्षक एवं मुख्य अतिथि डॉ.रवि के शिष्य योगेन्द्र प्राणसुखका ने इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रुप में विस्तार से अनेक प्रमुख प्रसंगों के बाबत उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि तुलसीदास तो युगद्रष्टा थे ही, साथ ही उन्होंने रामचरित मानस में सभी सम्प्रदायों के प्रति समन्वयकारी दृष्टिकोण अपनाकर समाज को एकता के सूत्र में बांधने का अद्भुत प्रयास किया | उन्होंने तुलसी के मानस में ज्ञान और भक्ति, शील और सौंदर्य, सगुण और निर्गुण आदि के अद्भुत समन्वय की तथा अद्वितीय व्यक्तित्व एवं कृतित्व के प्रसंगानुसार भूरि-भूरि प्रशंसा की | प्रतिकुलपति रह चुके श्री मंडल ने सुन्दर कांड को रामचरितमानस का सर्वश्रेष्ठ कांड साबित किया तथा मणि भूषण वर्मा ने चन्द पंक्तियों का बेजोड़ विश्लेषण किया |
अंत में संस्थान के संरक्षक डॉ.रवि ने अपने शिष्य योगेन्द्र को आशीर्वचन देते हुए यही कहा कि तुलसी ने अपने साम्यवादी दृष्टिकोण तथा विराट व्यक्तित्व के कारण धर्म, दर्शन,समाज, साहित्य के साथ-साथ लोकनीति एवं राजनीति आदि में इतनी ऊँचाई को पा लिया जिन्हें शब्दों में बांध पाना असंभव नहीं तो कठिन जरुर है | उन्होंने यह भी कहा कि तुलसी के रामचरितमानस को समाज एवं मानवता की व्याख्या कहना सर्वाधिक उचित है |
यह भी बता दें कि सम्मेलन के सचिव डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने इस अवसर पर मुख्यवक्ता सह अध्यक्ष नगर व्यापार मंडल योगेंद्र प्राणसुखका उर्फ लड्डू बाबू को कलम, अंगवस्त्रम एवं पाग देकर सम्मानित किया और कहा कि तुलसी विश्व साहित्य का अमूल्य धरोहर है | डॉ.मधेपुरी ने यह भी कहा कि तुलसी मर रही मानवता व टूट रहे समाज के लिए संजीवनी है |
समारोह के दूसरे सत्र में डॉ.सिद्धेश्वर काश्यप के संयोजकत्व में तथा सुकवि परमेश्वरी प्रसाद मंडल दिवाकर, सत्यनारायण पोद्दार सत्य एवं भगवान चन्द्र विनोद की पुण्य स्मृति में एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें सुकवि राकेश द्विजराज, कुमारी विजयालक्ष्मी, डॉ.आलोक डॉ.अरविंद, उल्लास मुखर्जी, संतोष सिन्हा, राजू भैया,डॉ. इन्द्र नारायण यादव, प्रो.मणिभूषण वर्मा, प्रो.ऐन.के. निराला, डॉ.अरुण कुमार फर्जी कवि, विकास कुमार, दशरथ प्रसाद सिंह आदि ने अपनी प्रतिनिधि कविताओं से दर्शकों को देर तक बांधे रखा | हास्य कवियों ने खूब हंसाया भी |
समारोह में साहित्यनुरागी रघुनाथ यादव, शिवजी साह, डॉ.हरिनंदन यादव, प्राण मोहन, उपेन्द्र प्रसाद यादव, पारो बाबू, वरुण कुमार वर्मा, मंजू कुमार सोरेन, आनंद कुमार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे | तुलसी पब्लिक स्कूल के निदेशक एवं कौशिकी के उपसचिव श्यामल कुमार सुमित्र के स्वागत सत्कार एवं आतिथ्य के बाबत किसी तरह की कमी नहीं रहने दी गई | अन्त में सचिव ने धन्यवाद ज्ञापित किया |

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