बिहार के 38 में से 20 जिले बाढ़ से बेहाल हैं। पिछले तीन दिनों में 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 5 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। दिन-ब-दिन बिगड़ती स्थिति के मद्देनज़र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले। उन्होंने प्रधानमंत्री को हालात से अवगत कराया और प्रधानमंत्री ने उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
मुलाकात के दौरान नीतीश कुमार ने फरक्का बांध का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि बाढ़ की यह स्थिति फरक्का बांध बनने के बाद गंगा में जमा हो रहे गाद के कारण बनी है। बिहार में गंगा की स्थिति पर उन्हें ‘रोने’ का मन करता है। हर साल बाढ़ से बचने का एकमात्र समाधान गंगा के तलछट की सफाई करना है। उन्होंने मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे परियोजना को बिहार में तलछट प्रबंधन से जोड़ते हुए कहा कि अगर स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया तो इस परियोजना की सफलता पर भी प्रश्नचिह्न लगेगा। नीतीश ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि उनकी मांगों पर तुरंत और सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी जिसमें राष्ट्रीय तलछट प्रबंधन नीति बनाना शामिल है।
गौरतलब है कि बिहार में अभी तक 14 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इसके बावजूद राज्य में बाढ़ की भयावह स्थिति है। दरअसल दूसरे राज्यों में बारिश के कारण बिहार को बाढ़ की विभीषिका झेलना पड़ रहा है। नेपाल और झारखंड के बाद अब मध्य प्रदेश में बारिश से बिहार में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस ओर भी प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया।
बता दें कि केन्द्र सरकार ने बिहार और उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में मदद करने के लिए एनडीआरएफ की 10 टीमें सोमवार को भेजी थीं। बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित राज्यों में एनडीआरएफ की कुल 56 टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। साथ ही बिहार और उत्तर प्रदेश की स्थिति पर नज़र रखने के लिए दो डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल रैंक के अधिकारियों को लगाया गया है। इस मानसून सीजन में एनडीआरएफ की टीमें पूरे देश में 26,400 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाल चुकी हैं।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप