बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दस दिनों के विदेश दौरे पर हैं। 8 से 15 अगस्त तक वो इंगलैंड में रहेंगे, जबकि 16 और 17 अगस्त को स्विट्जरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में आयोजित बिहार आधारित एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान 11 अगस्त को लंदन में उन्होंने प्रवासी भारतीयों से मुलाकात कर बिहार में निवेश की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। उपमुख्यमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को बिहार के गौरवशाली इतिहास के साथ-साथ विगत वर्षों में सकल घरेलू राज्य उत्पाद (जीएसडीपी) में बिहार राज्य के शीर्ष पर होने के कारणों की चर्चा भी की।
तेजस्वी ने बताया कि Ease of Doing Business में देश भर में बिहार कैसे प्रथम स्थान पर है और कैसे यहाँ की इंडस्ट्री पॉलिसी इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली है। उन्होंने भारतीय मूल के व्यवसायियों को आंकड़ों के साथ बताया कि देश के तमाम विकसित राज्यों को पछाड़ते हुए बिहार 15.6 प्रतिशत विकास दर के साथ अव्वल राज्य रहा है।
तेजस्वी ने बिहार सरकार के सात निश्चय और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की चर्चा करते हुए औद्योगिक समूहों को बिहार आने का न्योता दिया। बता दें कि प्रवासी भारतीयों ने बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, टूरिज्म, स्पोर्ट्स एवं हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में निवेश की इच्छा जाहिर की और उपमुख्यमंत्री ने सभी को बिहार सरकार की तरफ से हर प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने ब्रिटेन में फुटबॉल फॉर यूनिटी के संस्थापक चरणजीत गिल एवं साउथ हॉल फुटबॉल क्लब के प्रबंध निदेशक के साथ बिहार में फुटबॉल अकादमी खोलने की योजना पर भी गहन चर्चा की।
इससे पहले 10 अगस्त को तेजस्वी ने लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स को संबोधित किया और नॉलेज ट्रांसफर सेशन में भाग लिया। इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में उन्होंने बिहार को लेकर अपना विज़न पेश किया। उन्होंने कहा कि बिहार के लिए वैज्ञानिक और समयबद्ध तरीके से रोड मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इस मास्टर प्लान के तहत अगले बीस वर्षों में 500 किमी नए नेशनल हाईवे, 6000 किमी नए स्टेट हाइवे और विभिन्न जिलों को जोड़ने वाली करीब 25000 किमी महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव है और इस प्लान को पूरा करने में लगभग 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च होंगे। गौरतलब है कि बिहार में पथ निर्माण विभाग उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ही देख रहे हैं।
अपने युवा उपमुख्यमंत्री को लंदन में देखना और उनके मुँह से विकासशील बिहार की बात सुनना निश्चित तौर पर राज्य के लोगों को अच्छा लगना चाहिए। महज नौवीं पास होने के कारण जिन तेजस्वी के ऊपर ना जाने कितने ‘तंज’ कसे गए उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर आत्मविश्वास से लबरेज देखना सचमुच सुखद है। पर ये सब तब और ज्यादा अच्छा लगता जब बिहार में अक्षरश: वही माहौल होता जिसकी बात तेजस्वी लंदन में कर रहे हैं। ये अजीब विरोधाभास है कि जिस दौरान तेजस्वी लंदन के प्रवासी भारतीयों को बिहार में अच्छे माहौल का भरोसा दिला रहे थे उसी दौरान बेखौफ अपराधियों ने यहाँ बेतिया में पूर्व मंत्री वैद्यनाथ प्रसाद कुशवाहा से 1 करोड़ 20 लाख की रंगदारी वसूलने के लिए उनके घर पर बम फेंका, अरवल में पुलिस लाइन के सामने से रिटायर्ड दारोगा के पोते का अपहरण हुआ, मुजफ्फरपुर में एक कैश कलेक्शन एजेंसी के 4.84 लाख लूटे गए और पूर्णिया में 11 लाख की डकैती को अंजाम दिया गया।
बिहार के युवा उपमुख्यमंत्री अपने मुख्यमंत्री के साथ मिलकर बस इस विरोधाभास को दूर कर दें, फिर वो अपनी ऐसी तमाम यात्राओं के लिए विशेष बधाई के हकदार होंगे। वैसे उनका प्रयास अभी भी सही दिशा में है और इसके लिए उन्हें बधाई तो दी ही जानी चाहिए।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप