बी.पी.मंडल नगर भवन में मधेपुरा द्वारा महान उपन्यासकार व कथाकार प्रेमचन्द की जयंती इप्टा-अध्यक्ष डॉ.नरेश कुमार की अध्यक्षता में धूमधाम से मनायी गई | इस अवसर पर स्कूली बच्चों द्वारा स्थल-चित्रकारी प्रतियोगिता आयोजित की गई | साथ ही प्रेमचन्द रचित कहानी ‘सद्गति’ पर आधारित नाटक का सफल मंचन सुभाष चंद्रा की टीम द्वारा प्रस्तुत किया गया |
प्रेमचन्द की 136 वीं जयंती समारोह का शुभारंभ उद्घाटनकर्ता डी.एम. मो.सोहैल, मुख्यअतिथि एस.पी. विकास कुमार, इप्टा के संरक्षक डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, प्राचार्या चंद्रिका यादव, डॉ.नरेश कुमार आदि ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर किया |
इस अवसर पर उद्घाटनकर्ता जिले के डायनेमिक डी.एम. मो.सोहैल ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा कि महान कथाकार प्रेमचन्द ने अपने समस्त साहित्य में सामंतवाद और पूंजीवाद को बेनकाब करने का स्तुत्य प्रयास किया है | साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रेमचन्द ने भारत की गंगा-जमुनी संस्कृति की गहराई को करीने से उकेरा है |
मुख्य अतिथि जाँवाज एसपी विकास कुमार ने कहा कि न्याय व शांति बनाये रखने में प्रेमचन्द की रचनाएं समाज की हकीकत बयाँ करती रही हैं | उन्होंने कार्यक्रम की हृदय से सराहना की |
समारोह को संबोधित करते हुए जहां इप्टा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो.शचीन्द्र ने प्रेमचन्द के सपनों को साकार करने का व्रत लिया वहीँ इप्टा के संरक्षक डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में ‘इप्टा’ नाम देने वाले विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ.होमी जहांगीर भाभा को एटॉमिक एनर्जी के क्षेत्र में भारत को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ‘भारतरत्न’ से सम्मानित किए जाने की पुरजोर वकालत की | हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ.इंद्र नारायण यादव एवं माया विद्या निकेतन प्राचार्या चंद्रिका यादव ने भी अपने उद्गार व्यक्त किये |
चित्रकारी प्रतियोगिता में तीन छात्राएं प्रशहित, रीमा एवं सीमा को तथा सबसे कम उम्र के प्रतिभागी किडजी स्कूल के आदित्य एवं एस.एन.पी.एम. की छात्रा शशि तब्बसुम को प्रो.शचीन्द्र, डॉ.मधेपुरी, प्राचार्या चंद्रिका यादव व निरंजन कुमार आदि ने मेडल एवं प्रमाण-पत्र देकर पुरस्कृत तथा सम्मानित किया | अंत में डॉ.आलोक कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया |