प्रखंड मधेपुरा के ‘सुखासन’ ग्राम पंचायत अंतर्गत वार्ड न.-9 (मुरलीधाम) में ‘ओपन विंग फाउंडेशन’ की ओर से “नशामुक्ति: सुनहरे भविष्य की आधारशिला” विषय पर समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी की अध्यक्षता में गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें सुखासन-चकला के ग्रामीणों और मधेपुरा के बुद्धिजीवियों ने अधिकाधिक संख्या में भाग लिया |
पावस के सुहावने फुहारों के बीच सर्वप्रथम फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ.शांति यादव एवं संचालक डेंटल सर्जन डॉ.नीरव निशांत द्वारा-उद्घाटनकर्ता जिला परिषद अध्यक्षा मंजू देवी, अध्यक्षता कर रहे डॉ.मधेपुरी, शिक्षाविद् ज्योतिषाचार्य ब्रजमोहन सिंह उर्फ़ लालबाबा, इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष डॉ.अरुण कुमार मंडल, डी.एस.पी. मुख्यालय योगेंद्र नारायण सिंह, स्काउट एंड गाइड के आयुक्त जयकृष्ण यादव एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी बद्री नारायण मंडल आदि अतिथियों का फूल मालाओं आदि के साथ स्वागत किया गया | लगे हाथ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया गया तथा अतिथियों व उपस्थित जनों द्वारा ‘डॉ.मुरलीधर’ के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई तथा शिक्षक रामनारायण यादव द्वारा उनके जीवन वृत्त का वाचन किया गया |
उद्घाटनकर्ता जिला परिषद अध्यक्षा मंजू देवी ने अपने उद्घाटन भाषण में नशा मुक्ति, मेधावी छात्रों को मुरलीधर मेमोरियल अवार्ड तथा उनके नाम द्वार की स्थापना आदि की चर्चा करते हुए यही कहा कि प्रगतिशील गांव की यही निशानी है |
शिक्षाविद् ब्रज मोहन सिंह एवं कई संगठनों की अध्यक्षा रही डॉ.शांति यादव ने ग्रामीण परिवेश के प्रतिभा संपन्न छात्र-छात्राओं के लिए ओपन विंग फाउंडेशन की आवश्यकता एवं उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा की | समाजसेवी डॉ.अरुण कुमार मंडल, डी.एस.पी. योगेंद्र नारायण सिंह एवं मंच संचालक जय कृष्ण यादव एवं शिक्षक रघुनाथ प्रसाद यादव, रामानंद यादव आदि ने अपना उद्गार व्यक्त करते हुए आयोजित कार्यक्रमों की सराहना की |
दूसरे सत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री मंडल, लालबाबा, डी.एस.पी. मुख्यालय, डॉ.शांति यादव एवं डॉ.मधेपुरी द्वारा पांच सर्वाधिक अंकप्राप्त छात्र-छात्राओं को मोमेंटो-मानपत्र के साथ 1000रु. की राशि, डॉ.नीरव निशांत के सौजन्य से, दी गई | इसी बीच जिला परिषद अध्यक्षा मंजू देवी द्वारा “डॉ.मुरलीधर यादव” गेट का शिलान्यास किया गया |
अंत में अपने अध्यक्षीय भाषण में साहित्यकार डॉ.मधेपुरी ने कहा कि गांव ही तो असली हिंदुस्तान है-जहाँ टूटे-फूटे कुल कच्चे घर होते हैं | खेतों में हल चलते हैं…..| वहां के बच्चे खूब पढे, आगे बढे और पुरस्कृत होनेवाली छात्रा “मयूरी” बने- यही कामनाएं और शुभकामनाएं उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को दी और संदेशस्वरूप यही कहा-
“परिंदों को नहीं दी जाती, तालीम उड़ानों की |
वो खुद ही तय करते हैं, मंजिले आसमानों की….||”
मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षक उमाशंकर, मकेश्वर प्रसाद, अरविंद कुमार-रामचंद्र प्रसाद, सत्यनारायण यादव तथा ग्रामीण जनार्दन यादव, जगदीश यादव, मुस्तकीम, मोहन ऋषिदेव आदि अन्त तक अपनी गरिमामयी उपस्थिति बनाये रखे | अंत में पंचायत के मुखिया जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया |