उत्तर भारत में प्रमुखता से खेले जाने वाले इस सामूहिक खेल ‘कबड्डी’ को दक्षिण भारत में ‘चेडू-गुडू’ कहकर खेला जाता है | वहीं पूर्वी भारत एवं बांग्लादेश में इसी खेल को ‘हा-दो-दो’ कहा जाता है तो पश्चमी भारत में ‘हु-तू-तू’ |
महाभारत काल में अभिमन्यु के द्वारा चक्रव्यूह को भेदने और निकलने वाले प्रसंग में सात-सात शूरमाओं की टुकड़ी की चर्चा प्रतीकात्मक रुप से इसी कबड्डी को दर्शाता है जो वर्तमान भारत में तेजी से प्रसिद्धि प्राप्त करता जा रहा है | उन दिनों गुरुकुलों में भी शिष्यों के शारीरिक व्यायाम के लिए ‘कबड्डी’ खेली जाती थी |
यह कि 1950 में भारतीय कबड्डी महासंघ की स्थापना की गई थी | 1952 में पुरुषों के लिए पहली राष्ट्रीय प्रतियोगिता मद्रास (चेन्नई) में आयोजित की गई जबकि महिलाओं के लिए कबड्डी खेल की पहली राष्ट्रीय प्रतियोगिता 1955 में कलकत्ता (कोलकाता) में हुई थी |
यह भी जानें कि पहली एशियाई कबड्डी प्रतियोगिता 1980 में कलकत्ता में आयोजित की गई वहीं 1990 में बीजिंग में हुए एशियाई खेलों में प्रतियोगी खेल के रूप में कबड्डी को मान्यता दी गई |
बता दें कि रविवार को रासबिहारी विद्यालय के ऐतिहासिक मैदान में हिंदुस्तान दैनिक के ब्यूरोचीफ अमिताभ द्वारा आयोजित किए गए कबड्डी लीग समारोह का उद्घाटन बीएन मंडल विश्वविद्यालय के विद्वान कुलपति डॉ विनोद कुमार, समाजसेवी डॉ मधेपुरी, जांवाज एसपी विकास कुमार, सांसद प्रतिनिधि मोहन मंडल आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया |
इस अवसर पर कुलपति डॉ विनोद कुमार ने कहा कि कबड्डी को लोकप्रिय बनाने के लिए विगत तीन वर्षों से हिंदुस्तान के ब्यूरोचीफ अमिताभ की टीम के सहयोगियों- मनीष-संजय, बंटी-विभाकर सहित सुभाष-देवेंद्र आदि द्वारा किए जा रहे प्रयास प्रशंसनीय हैं | उन्होंने कहा कि कबड्डी को ओलंपिक में जगह नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है |
समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने अपने संबोधन में यही कहा कि हिंदुस्तान परिवार एवं इसके मुखिया अमिताभ हमेशा नये-नये सामाजिक दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर शहर के ही नहीं बल्कि ग्रामीण प्रतिभाओं को भी एक बड़ा मंच दे-देकर आगे बढ़ने का मौका देते रहे हैं | उन्होंने हिंदुस्तान द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए सामाजिक कार्यों के माध्यम से नये-नये कीर्तिमान स्थापित करने के लिए अमिताभ की टीम की सराहना की तथा दर्शकों एवं खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया |
जांवाज एसपी विकास कुमार ने कबड्डी लीग के उद्घाटन पर खिलाड़ियों को खूब प्रोत्साहित किया | उन्होंने कहा कि खेल से मान-सम्मान, धन व शोहरत सबकुछ मिलता है | अच्छे खिलाड़ी अपना नाम तो रोशन करते ही हैं साथ ही देश को भी आगे बढ़ाने का काम करते हैं |
इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि मोहन मंडल, कबड्डी को समर्पित सचिव अरुण कुमार, थानाध्यक्ष मनीष कुमार, पुष्पेंद्र कुमार, SBI के एस.के.झा आदि ने अपना उद्गार व्यक्त किया तथा खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया | मौके पर समन्यवक अजय कुमार, डॉ.अरुण कुमार, स्काउट आयुक्त जय कृष्ण यादव, संदीप शांडिल्य, डॉ.रामकृष्ण तथा वीसी के सचिव शंभू नारायण यादव, राहुल यादव आदि प्रमुख रुप से मौजूद थे |
शोभिता संगीत महाविद्यालय एवं कला मंदिर के बाल कलाकारों ने बीच-बीच में अतिथियों एवं खिलाड़ियों का भरपूर मनोरंजन किया | अंत में धन्यवाद ज्ञापन हिंदुस्तान के संवाददाता प्रो.संजय परमार ने किया |