कौन जानता था कि 9 मई, 1981 को पदभार ग्रहण करनेवाले मधेपुरा जिले के प्रथम एसपी अभयानंद, जिन्हें स्थानीय टी.पी.कॉलेज के फिजिक्स के लोकप्रिय प्रो.भूपेन्द्र मधेपुरी द्वारा सम्मानित किया गया था, आगे चलकर सुपर-30 एवं रहमानी सुपर-30 के आईजी अंकल बनेंगे तथा देश के बच्चों को मोबाइल पर फिजिक्स के सवाल सॉल्व कराएंगे |

बिहार के 28वें डी.जी.पी. पिता जगदानंद के योग्य पुत्र 48वें डीजीपी अभयानंद केवल IPS ऑफिसर ही नहीं बल्कि एडूकेशनिष्ट एवं सोशल एक्टिविस्ट के रूप में उस ऊंचाई को प्राप्त कर लिए हैं कि समस्त भारत के मेधावी छात्रों के बीच वे आज भी ‘आईजी अंकल’ कह कर ही पुकारे जाते हैं |
यह भी बता दें कि लगभग 15 वर्ष पूर्व आईपीएस अभयानंद का तबादला बीएमपी में हुआ था जहां व्यस्तता कम रहने की वजह से उन्होंने अपने बेटे को फिजिक्स पढाया और उसने आईआईटी क्रैक कर लिया | लगे हाथ उनके अंदर यह पवित्र विचार आया कि बेटे के अतिरिक्त अन्य बच्चों को क्यों न पढ़ाकर आईआईटीयन बनने में मदद करूं !
यहीं से जन्म हुआ आनंद कुमार के नाम चर्चित सुपर-30 में फिजिक्स पढाने वाले ‘आईजी अंकल’ का | बता दें कि एडीजी और फिर बिहार के डीजीपी बनने के बाद भी भारत के प्रतिभासंपन्न छात्र अभयानंद को सदैव ‘आईजी अंकल’ ही कहते रहे |
जब अवकाश ग्रहण करने के बाद IPS अभयानंद ने मुस्लिम बच्चों को पढ़ाने की योजना बनाई कि रहमानी सुपर थर्टी ने जन्म ग्रहण किया | इस वर्ष रहमानी सुपर-30 के 300 में से 270 बच्चों ने आईआईटी क्रैक किया जिसे बिहार ही नहीं, समस्त भारत द्वारा “आईजी अंकल” का कमाल करार दिया गया |
आज भी सरस्वती पुत्र अभयानंद के पढ़ने और पढ़ाने का सिलसिला जारी है | बच्चों के पास उनका मोबाइल नंबर है | बच्चे जब चाहें प्रॉब्लम पूछते हैं और वे मोबाइल पर ही प्रॉब्लम सॉल्व करा देते हैं |