तय कार्यक्रम के मुताबिक राज्य सभा के लिए महागठबंधन के चारों उम्मीदवारों ने आज नामांकन कर दिया। जेडीयू की ओर से शरद यादव और रामचन्द्र प्रसाद सिंह तो आरजेडी की ओर से मीसा भारती और राम जेठमलानी ने विधान सभा जाकर नामांकन-पत्र दाखिल किया। नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी विशेष रूप से मौजूद रहे।
अपनी बड़ी बहन मीसा के नामांकन के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके राज्य सभा जाने से पार्टी और मजबूत होगी। तेजस्वी और तेजप्रताप को लालू बिहार की विरासत सौंप ही चुके थे। बच गई थी दिल्ली, तो इसके लिए मीसा का विकल्प था ही उनके पास। देखा जाय तो मीसा को राज्य सभा भेजकर लालू ने अपने हिसाब से अपनी राजनीतिक विरासत का एकदम सही बंटवारा किया है।
बहरहाल, राज्य सभा उम्मीदवारों के साथ-साथ महागठबंधन के विधान परिषद उम्मीदवारों ने भी आज नामांकन कर दिया। जेडीयू की ओर से गुलाम रसूल बलियावी और सीपी सिन्हा, आरजेडी की ओर से एस एम कमर आलम और रणविजय सिंह तथा कांग्रेस की ओर से तनवीर अख्तर ने नामांकन दाखिल किया।
बता दें कि भाजपा के राज्य सभा उम्मीदवार गोपाल नारायण सिंह और विधान परिषद उम्मीदवार अर्जुन सहनी कल यानि 31 मई को नामांकन दाखिल करेंगे।
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इन तमाम पार्टियों के वे नेता जिनकी निष्ठा और वरिष्ठता असंदिग्ध रही लेकिन उम्मीदवारी में पीछे रह गए, उन्हें ये पार्टियां कैसे समझा और मना पाती हैं। वे नेता जो केवल नाम से नहीं काम से भी बड़े थे लेकिन फिर भी अपनी जगह नहीं बना पाए, उन्हें ये बात अच्छी तरह समझ में आ गई होगी कि राजनीति विशुद्ध रूप से ‘अवसर’ का खेल है और ये भी कि ‘स्वार्थ’ के साँचे में अगर आप फिट नहीं बैठ रहे तो आज की राजनीति में आपके संघर्ष की कोई कीमत नहीं।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप