जेडीयू के राज्य सभा प्रत्याशियों का सस्पेंस खत्म हो गया। पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को ‘सम्मान’ देते हुए उन्हें एक बार फिर राज्य सभा भेजा जा रहा है। वहीं नीतीश के करीबी आरसीपी सिन्हा पार्टी के दूसरे प्रत्याशी होंगे। हालांकि चर्चा केसी त्यागी की भी थी लेकिन दो ही सीट होने के कारण उनकी जगह ना बन सकी।
बहरहाल, आज पार्टी ने राज्य सभा के साथ-साथ विधान परिषद प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी। गुलाम रसूल बलियावी और सीपी सिन्हा जेडीयू कोटे से विधान परिषद जाएंगे। आज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने राज्य सभा और विधान परिषद के सभी प्रत्याशियों की सूची जारी करते हुए बताया कि ये सभी 30 मई को नामांकन दाखिल करेंगे।
बता दें कि 1999 में मधेपुरा से लोक सभा के सदस्य रहे शरद यादव 2004 में लालू प्रसाद यादव के हाथों ये सीट गंवा बैठे, तब पार्टी ने उन्हें राज्य सभा भेजा था। इसके बाद 2009 में उन्होंने मधेपुरा से ही लोक सभा का चुनाव जीता। पर आगे 2014 में उन्हें एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा और पार्टी ने उन्हें इस बार भी राज्य सभा भेजा। लेकिन उनका कार्यकाल दो साल का ही था। इसीलिए उन्हें 2016 में भी राज्य सभा प्रत्याशी बनाया जा रहा है।
शरद यादव को फिर से राज्य सभा भेजा जाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी के बाहर और भीतर भी ऐसा मानने वालों की कमी ना थी कि नीतीश के पार्टी और संगठन दोनों का ‘सर्वेसर्वा’ होने के बाद कहीं शरद यादव का हश्र भी जॉर्ज फर्नांडिस जैसा ना हो जाय। पर मानना पड़ेगा कि नीतीश ने यहाँ नैतिक और राजनीतिक मर्यादा का ख्याल रखा।
चलते-चलते ये भी बता दें कि इस साल जेडीयू के पाँच सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, पर विधायकों के संख्या बल को देखते हुए पार्टी इस बार दो लोगों को ही राज्य सभा भेज सकती थी।
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप