बी.एन.मंडल वि.वि. के संस्थापक कुलपति व पूर्व सांसद डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि ने डॉ. सिद्धेश्वर काश्यप के गीत-संग्रह ‘उजाले का सफर’ का लोकार्पण किया | लोकार्पणकर्ता डॉ.रवि ने कहा कि अंधेरे की त्रासदी में ‘उजाले का सफर’ करनेवाले सिद्धहस्त कवि डॉ.सिद्धेश्वर परिवर्तन के मार्ग को प्रशस्त करने में सक्षम हैं| उन्होंने कहा कि डॉ.काश्यप की मानवीय प्रतिबद्धता और मूल्यपरकता सराहनीय है |
मुख्य अतिथि के रुप में प्रधानाचार्या डॉ.रेणु सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ.काश्यप रचनात्मक धर्म को नया स्वर देते हैं | उन्होंने यह भी कहा कि डॉ.सिद्देश्वर मानवीय जिजीविषा और मुक्ति चेतना को अभिव्यक्त करने में सिद्धहस्त है और सक्षम भी |
लोकार्पण समारोह के संचालक डॉ.विनय कुमार चौधरी ने कहा कि डॉ.काश्यप रचनात्मक प्रतिभा के साथ-साथ आलोचनात्मक प्रतिभा से भी संपन्न हैं | उन्होंने कहा कि निरंतर रचनात्मक लेखन सुकवि सिद्धेश्वर की मूल पहचान है |
हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ.इंद्र नारायण यादव ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि डॉ.सिद्धेश्वर समय का साक्षात्कार करते हैं और अनुभूत सत्य का उद्घाटन भी | उन्होंने संस्थापक कुलपति एवं मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी का श्रीगणेश किया | काव्य गोष्ठी में डॉ. रवि, डॉ.रेणु एवं डॉ.सिद्धेश्वर काश्यप सहित संचालक डॉ.चौधरी ने अपनी प्रतिनिधि कविता का पाठ किया |
जिले के उद्यान पदाधिकारी राजन बालन ने अपनी कविता से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया और बटोर ली तालियां भी | काव्य पाठ करने वालों में डॉ.सीताराम शर्मा, प्रो.गीता यादव, डॉ.आलोक कुमार, सियाराम यादव मयंक, डॉ.प्रवीण, रश्मि-प्रीति-विकास आदि प्रमुख रहे | सुधी श्रोताओं के रुप में सोमनाथ, सियाराम, कृष्ण मुरारी, राम कृष्ण, सुनील, आनंद जी आदि अंत तक कविता का रसास्वादन करते रहे |प्रो.इंद्र नारायण यादव के धन्यवाद के साथ ही समारोह के समापन का उद्घोष किया गया |