यू.जी.सी. प्रायोजित 12 दिवसीय एजुफेस्ट का शुभारम्भ 16 मई को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ | राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष कामेश्वर झा एवं मंडल वि.वि. के कुलपति डॉ.विनोद कुमार व सिंडीकेट सदस्य, एमएलसी डॉ.संजीव कुमार सिंह के कृपापूर्ण आशीर्वचनों से युक्त प्रधानाचार्य सह आयोजन समिति के चेयरमेन डॉ.माधवेन्द्र झा आदि द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया |
सेमिनार में आतंकवाद, आपदा-प्रबंधन……महात्मा गाँधी के अन्तर्राष्ट्रीय स्वरुप, क्लीन एंड ग्रीन इंडिया…..सोलर विंड पॉवर आदि विषयों पर शोधपूर्ण चर्चा करने के लिए पधारे त्रिभुवन वि.वि.काठमांडू नेपाल के डॉ.कुशेश्वर झा, बिहार विश्वविद्यालय के डॉ.अमर नाथ झा, राष्ट्रभाषा परिषद् के निदेशक डॉ.जयकृषण मेहता, सम्बन्धन प्राप्त महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य संघ के संयोजक डॉ.अशोक कुमार, प्राचार्या डॉ.पूनम यादव आदि को आयोजन समिति के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ.माधवेन्द्र झा द्वारा स्वागत में पाग, चादर, माला व बुके दिया गया | साथ ही कॉलेज की छात्राओं द्वारा पीले वस्त्र में मंत्रोच्चारण करते हुए सेमिनार स्थल को सुशोभित किया गया तथा अपने सुरीले स्वागत गान से अतिथियों का स्वागत किया गया|
इस अवसर पर यूवीके कॉलेज कड़ामा का ध्वजा रोहन करने के बाद विधान पार्षद डॉ.संजीव कुमार सिंह ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि जो भी वित्तरहित महाविद्यालय क्रियाशील हैं उनके संस्थापकों द्वारा करोड़ों रूपये लगाये गये हैं, सरकार का एक पैसा भी नहीं लगा है | उन्होंने रूसा के चेयरमेन व वायस चेयरमेन से भी ऐसे शिक्षकों को सरकार द्वारा वेतन देने के बाबत प्रयास करने की चर्चा की | डॉ.संजीव ने अपना हृदयोद्गार व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि शिक्षकों की सेवा का सामंजन सबसे पहली बाधा है जिसे कॉलेज प्रबंधक द्वारा संवेदनशील होकर करने की जरुरत है | विधान पार्षद ने सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में इतना बड़ा सेमिनार आयोजित करने के लिए कॉलेज के शिक्षकों-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों सहित आयोजन समिति के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ.माधेवेंद्र झा को हृदय से कोटि-कोटि शुभकामनाएँ अर्पित की|
आगत अतिथियों द्वारा प्रथम दिन के विषय-‘21वीं सदी में आतंकवाद’ पर विचार व्यक्त करते हुए यही कहा गया कि आतंकवाद का कोई धर्म और मजहब नहीं होता | जहाँ किसी ने यह कहा कि आतंकवाद के कई पहलू हैं– सामाजिक आतंकवाद, धार्मिक आतंकवाद एवं राजनैतिक आतंकवाद तो वहीँ अन्य विद्वान् वक्ताओं ने आतंकवाद की जड़ को धर्म, राजनीति एवं आधुनिकता से जुडी हुई बताया |
इस अवसर पर आतंकवाद पर आधारित देश-विदेश के विद्वानों एवं शोध कर्मियों द्वारा दिये गये आलेखों से तैयार की गई स्मारिका का भी विमोचन किया गया |
मौके पर ललन झा, डॉ.प्राण मोहन सिंह, सुशीला कुमारी, श्याम किशोर यादव एवं कॉलेज शिक्षकों सहित छात्र-छात्राओं की भारी उपस्थिति अंत तक बनी रही| सेमिनार का सफल संचालन डॉ.अरुण कुमार ने किया |