Sky Train

बिहार रचेगा इतिहास, राज्य में दौड़ेगी स्काई ट्रेन

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में एक निश्चय पाँच घंटे में बिहार के किसी भी कोने से पटना पहुँचना है। पर बिहार के नगर विकास एवं आवास विभाग की कोशिश इस समय को और कम करने की है। इतना कम कि शायद आप यकीन ना करें। जी हाँ, अगर विभाग की ये कोशिश रंग लाई तो बहुत जल्द बिहार में स्काई ट्रेन दौड़ती दिखाई देगी जो बिहार के जिला मुख्यालयों से पटना को 240 से 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जोड़ेगी।

नगर विकास एवं आवास विभाग ने इस दिशा में अपने कदम बढ़ा दिए हैं। सरकार इस योजना को पीपीपी मोड (सार्वजनिक-निजी सहभागिता) पर चलाएगी। विभाग के मंत्री माहेश्वर हजारी ने स्काई ट्रेन का निर्माण करने वाली कम्पनी ‘नाईटशेड ग्लोबल इंफ्रा’ से विचार-विमर्श के बाद अधिकारियों से इस दिशा में आगे बढ़ने को कहा है। जल्द ही विभाग इस प्रोजेक्ट की तकनीकी जाँच कराएगा। रिपोर्ट में सब कुछ ठीक रहा तो सरकार इस योजना को अमलीजामा पहनाने में लग जाएगी।

बता दें कि स्काई ट्रेन को नासा ने डिजाईन किया है। पोल के सहारे चलने वाली यह ट्रेन छोटी-छोटी बोगियों का समूह होगी। एक बोगी में चार लोग बैठ सकेंगे। मेट्रो ट्रेन से तुलना करें तो स्काई ट्रेन रफ्तार में उससे लगभग चार गुना तेज और लागत में लगभग चार गुना कम होगी। मेट्रो की रफ्तार 55 से 80 किमी प्रति घंटा होती है, जबकि स्काई ट्रेन की 240 से 260 किमी प्रति घंटा। इसी तरह मेट्रो की लागत 250 से 500 करोड़ प्रति किमी होती है, जबकि स्काई ट्रेन की 90 से 120 करोड़ प्रति किमी।

स्काई ट्रेन की एक बड़ी खूबी यह है कि इसके लिए भूमि अधिग्रहण की ज्यादा जरूरत नहीं होगी। यही नहीं, इसके रखरखाव पर भी ज्यादा खर्च नहीं होगा और ध्वनि प्रदूषण भी काफी कम होगा। वर्तमान में इस ट्रेन का परिचालन इजरायल में हो रहा है। जहाँ तक भारत की बात है तो बिहार स्काई ट्रेन चलाने वाला पहला राज्य होगा। बिहार सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत बुद्ध सर्किट से करना चाहती है। पहले चरण में इस योजना के तहत गया, बोधगया, राजगीर, वैशाली, केसरिया, अरेराज और लोरिया जैसे शहर पटना से जुड़ेंगे।

संसार के पहले गणतंत्र की स्थापना से लेकर सम्पूर्ण क्रांति की उद्घोषणा तक बिहार हमेशा देश और दुनिया का अगुआ रहा है। आज भी महिलाओं को समान अधिकार देने से लेकर शराबबंदी का अभियान चलाने तक बिहार बाकी राज्यों से आगे है। अगर स्काई ट्रेन जैसी यातायात की नई तकनीक का इस्तेमाल कर बिहार मूलभूत सुविधा के क्षेत्र में भी देश की अगुआई करे तो बढ़ते बिहार को बढ़ते भारत की पहचान बनने से कोई रोक नहीं सकेगा।

‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप

सम्बंधित खबरें