प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान की ऑनलाइन आधारशिला रखी जिसके माध्यम से बिहार , झारखण्ड , ओड़िसा , पश्चिम बंगाल , असम आदि अन्य भारत के पूर्वी इलाकों की मिट्टी के साथ-साथ वहां का वातावरण भी दूसरी हरित क्रान्ति के लिए सर्वथा अनुकूल है | प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान इस क्षेत्र को विकसित करने पर केन्द्रित है | इस इलाके में बंद पड़े यूरिया कारखानों को पुनः चालू करने के साथ-साथ किसानों को सभी प्रकार के खाद एवं कृषि के अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जायेंगे | मिट्टी के गुण-दोष को जानने के लिए किसान को स्वायल हेल्थ कार्ड मिलेगा | कृषि सिंचाई योजना का काम पूरा किया जायेगा | नहर द्वारा हर खेत में पानी पहुँचाया जायेगा |अच्छे किस्म के बीज , बिजली एवं पानी उपलब्ध कराये जाने का संकल्प भी लिया गया जो पूर्वी भारत में कृषि के क्षेत्र में नये युग का आरम्भ करेगा |