इधर लोग नीतीश कुमार के पीएम मैटेरियल होने ना होने पर बहस ही कर रहे हैं और उधर नीतीश बड़ी खामोशी से एक के बाद एक कदम रखते जा रहे हैं। जी हाँ, जेडीयू की कमान विधिवत सम्भालने के बाद वे मिशन 2019 को भी विधिवत शुरू करने जा रहे हैं। शुरुआत आगामी 7 मई को केरल से होगी जहाँ वो जनसभा को संबोधित करेंगे।
केरल के बाद नीतीश झारखंड का रुख करेंगे। वहाँ 10 मई को धनबाद में वो शराबबंदी अभियान के एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। बता दें कि बिहार की तर्ज पर वहाँ भी महिलाओं ने उन्हें शराबबंदी के कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए बुलाया है।
झारखंड के बाद नीतीश अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र यूपी में दस्तक देंगे। 12 मई को बनारस तो 15 मई को वो लखनऊ में होंगे। इस दौरे में नीतीश यूपी को लेकर अपनी रणनीति को ठोस रूप देने की कोशिश करेंगे।
बता दें कि अभी हाल ही में एनसीपी के नेता शरद पवार ने नीतीश कुमार को पीएम मैटेरियल बताया था। इधर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके उपमुख्यमंत्री बेटे तेजस्वी ने भी उन्हें इस मुद्दे पर ‘नैतिक’ समर्थन दिया है। कहने की जरूरत नहीं कि अपनी बढ़ती स्वीकार्यता से 2019 को लेकर नीतीश के हौसले इधर और बुलंद हुए हैं। अब हाल ये है कि उनके पैर बिहार में टिक ही नहीं रहे। भाजपा और मोदी के विकल्प के तौर पर खुद को देश भर में पेश करने की खातिर उन्होंने पूरी ताकत झोंक देने की ठान ली है। नीतीश के ‘भारत-दौरे’ पर किसी ने कमाल की चुटकी ली कि मोदी (अपने विदेश-दौरों के कारण) भारत में नहीं दिखते और अब नीतीश बिहार में नहीं दिखेंगे..!
‘मधेपुरा अबतक’ के लिए डॉ. ए. दीप