गुस्सैल दादी सास का मन अपने संस्कार से जीत लेने वाली, पति जगिया को जीना सिखाने वाली, पूरे गांव को जगाने वाली ‘बालिका वधु’ आनंदी यानि प्रत्युषा बनर्जी नहीं रही। जाना तो एक दिन सबको है लेकिन 25 साल की उम्र किसी भी लिहाज से जाने की नहीं होती। कोई दुर्घटना हो तो कहा जा सकता है कि उस पर किसी का वश नहीं लेकिन आत्महत्या करना और वो भी शोहरत की बुलंदियों पर… क्या सारे तर्क यहाँ बेकार नहीं हो जाते..? जी हाँ, दुख की ये खबर और भी दुखद हो गई है क्योंकि प्रत्युषा ने आज शाम आत्महत्या कर ली।
जानकारी के मुताबिक कलर्स चैनल के बहुचर्चित धारावाहिक ‘बालिका वधु’ में आनंदी का किरदार निभाने वाली प्रत्युषा ने आज शाम चार से पाँच बजे के बीच आत्महत्या की कोशिश की। उन्हें अपने घर में फांसी से लटका पाया गया। अत्यंत गंभीर हालत में उन्हें कोकिलाबेन अंबानी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हालाँकि अभी किसी नतीजे पर पहुँचना उचित नहीं लेकिन बताया जाता है कि एक दिन पहले प्रत्युषा की लड़ाई अपने ‘ब्वायफ्रेंड’ से हुई थी। उन्हें शक था कि उनके ‘ब्वायफ्रेंड’ का अफेयर किसी और से चल रहा है। बहरहाल, उनके एक पुराने ‘ब्वायफ्रेंड’ के हवाले से यह भी पता चला है कि एक बार किसी बात पर बहस के बाद प्रत्युषा ने पहले भी चलती कार से कूदकर जान देने की कोशिश की थी।
10 अगस्त 1991 को जमशेदपुर में जन्मी प्रत्युषा को प्रसिद्धि ‘बालिका वधु’ से मिली। इस धारावाहिक के बाद लाखों लोग उन्हें अपने घर की बहू-बेटी की तरह देखने के आदी हो गए थे। इस धारावाहिक के बाद प्रत्युषा ‘झलक दिखला जा 5’ और ‘बिग बॉस 7’ में भी नज़र आईं। आखिरी बार वो धारावाहिक ‘ससुराल सिमर का’ में दिखीं।
प्रत्युषा बनर्जी की आत्महत्या झकझोर देने वाली है। केवल इसलिए नहीं कि हमने एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री को असमय खो दिया बल्कि इसलिए भी कि ये घटना हमें चकाचौंध भरी दुनिया के ‘स्याह सच’ से रूबरू कराती है। ग्लैमर की दुनिया भले ही कम उम्र और कम समय में पैसा और प्रसिद्धि दे दे लेकिन ज्यादातर मौकों पर बदले में जिस तरह की जीवन-शैली में आपको ढलना पड़ता है वो कहीं ना कहीं वास्तविक खुशी और शान्ति छीन भी लेती है। अपवादों की बात छोड़ दें तो परवीन बॉबी से लेकर जिया खान और अब प्रत्युषा का ‘अन्त’ उसी जीवन-शैली की परिणति है। नहीं तो ‘बालिका वधु’ में हर मुसीबत का सामना मुस्करा कर करने वाली आनंदी का किरदार निभाने वाली प्रत्युषा इस तरह का कदम हरगिज ना उठातीं।
मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप