Ramadan madhepura

मुबारक़ हो सबको रमजान का महीना !!

रमजान का महीना यानी अरबी बर्ष का नौवां महीना जिसमें मुसलमान रोज़ा रखते हैं – इस पूरे महीनें में अल्लाह के फ़रिश्ते हज़रत ज़िब्रैएल अमीन प्रतिदिन हज़रत मोहम्मद सल्ल को कुरान मजीद सुनते थे और वे निष्ठापूर्वक सुना करते थे | इसीलिए रमजान के महीने में मुसलामानों को ईशा के नमाज़ के बाद तरावीह में कुरान मजीद सुनना ही सुनना चाहिए |

इसी रमजान के महीने में कई आसमानी किताबें धरती पर नाज़िल हुए यानि अवतरित हुए | कुरान-ए-पाक़ लौहे महफूज से इसी महीने अवतरित हुआ जिसमें पूरे के पूरे 23 साल लगे | इसी तरह हज़रत इब्राहीम अलैहिस्स के सहीफे (किताब) 03 रमजान को अता किये गये, हज़रत मूसा अलैहिस्स को तौरे 06 रमजान को अता हुआ था, हज़रत दाउद अलैहिस्सको ज़बूर (किताब) 12 रमजान को मिला था और हज़रत इब्राहीम अलैहिस्स को इंजील (धर्म पुस्तक) 13 रमजान को मिली थी | इसीलिए इस रमजान के महीने को खुदाई यानी ईश्वरीय ग्रन्थ से मुनासिबत वाला महीना भी कहा गया है |

रमजान के अवसर पर सभी मस्जिदों में इमामों द्वारा रमजानुल मुबारक की फ़ज़ीलत यानी श्रेष्ठता पर तक़रीर किया जाता है – जिसमें वे इस बात पर जोर देते हैं कि रोज़ेदारों के घर खुदा की रहमत बरसती है जिसकी अजमत से रोज़ेदारों के गुनाह माफ़ हो जाते हैं | इसे कलामुल्लाह का महीना भी कहा जाता है |

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