22 मार्च 1912 के दिन ‘बिहार’ को तत्कालीन ‘बंगाल प्रेसिडेंसी ऑफ फोर्ट विलियम’ से अलग स्वतंत्र अस्तित्व प्राप्त हुआ जिसे आज 104 वर्ष हो गये | बिहार दिवस के अवसर पर जिले के डायनेमिक डी.एम. मो.सोहैल एवं अनुभवी आरक्षी अधीक्षक विकास कुमार सहित अन्य पदाधिकारीगण इसकी सफलता के लिए तत्पर देखे गये | जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर तक बिहार दिवस की धूम रही | यहाँ तक कि पंचायत स्तर के सरकारी भवनों को भी आकर्षक तरीके से सजाया गया |
सुबह में स्कूली बच्चों द्वारा प्रभातफेरी निकाला गया | बिहार गौरव गाथा से सम्बन्धित भाषण प्रतियोगिता, गीत-संगीत प्रतियोगिता तथा क्वीज का भी आयोजन किया गया था | इसके साथ ही साफ़-सफाई, रोशनी एवं खेल-कूद की पूरी व्यवस्था की गयी थी | शाम में बी.एन.मंडल स्टेडियम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय स्कूली बच्चों के साथ-साथ पटना से आये सतीश पप्पू आर्केस्ट्रा टीम ने भाग लिया |
कार्यक्रम का श्रीगणेश हर ओर नजर रखनेवाले डायनेमिक डी.एम. मो.सोहैल, समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, आरक्षी अधीक्षक विकास कुमार सहित ए.डी.एम. अबरार अहमद कमर, डी.डी.सी. मिथिलेश कुमार, समाजसेवी शौकत अली, वार्ड पार्षद ध्यानी यादव, माया विद्या निकेतन की प्राचार्या चन्द्रिका यादव आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर बिहार दिवस का उद्घाटन किया |
डी.एम. मो.सोहैल ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के सप्त संकल्पों को अमलीजामा पहनाने के लिए जिला प्रशासन के सभी पदाधिकारीगण व कर्मचारीगण तत्पर रहेंगे |
देर रात तक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम में शहर के हाली क्रास, माया विद्या निकेतन, केशव कन्या, जगजीवन आश्रम स्कूल, स्वर शोभिता, इप्टा कलाकारों सहित अन्य कई स्कूलों के बच्चे-बच्चियों ने भी बेहतर प्रदर्शन किया | सतीश पप्पू आर्केस्ट्रा टीम तो होली के कुछ गानों पर युवाओं को थिरकने के लिए विवश कर दिया और खूब तालियाँ बटोरी |
कार्यक्रम का आरम्भ श्रीमती रेखा यादव के स्वागतगान से हुआ तथा मंच संचालन किया स्काउट गाइड के आयुक्त जयकृष्ण यादव ने | दस बजे रात्रि में कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा कर दी गई |