Vishnudev Yadav Turkahi, Madhepura

योग्य पिता विष्णुदेव के दो योग्य पुत्र- एक अजय तो दूसरा अभय

ऊंचाई पाने के लिए हर किसी को कठिन परिश्रम करना पड़ता है और समाज को बहुत कुछ देना भी पड़ता है | सफल शिक्षक, बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न एवं समाजसेवी विष्णुदेव एक कुशल प्रशासक के साथ-साथ एक संवेदनशील व्यक्तित्व के धारक रहे हैं |

साधारण गृहस्थ परिवार में जन्म लेने वाले विष्णुदेव बाबू अवकाश ग्रहण करने के बाद अपने माता-पिता के नाम से शहर से दूर ग्रामीण क्षेत्र दोरिक नगर, तुरकाही में बच्चों की पढाई के लिए एक विद्यालय- “दानी दुखनी मेमोरियल उच्च माध्यमिक विद्यालय” की स्थापना की और कार्यरत शिक्षकों को आरम्भ में अपने पेंशन से वेतन देते रहे और दिन-दिन भर स्कूल में मजदूर की तरह काम करते रहे | उनके मनोबल को कायम रखने के लिए पुत्र द्वय भी उनको साया की तरह साथ दिया |

आज विष्णुदेव बाबू नहीं हैं | सभी उनकी जयन्ती मना रहे हैं- जिला परिषद की अध्यक्षा मंजू देवी हों या जिले के विद्यालयों व महाविद्यालयों सहित विश्वविद्यालयों के पदाधिकारीगण हों- गाँव के बच्चे-बूढ़े सभी उत्सव मना रहे हैं | उनकी प्रतिमा लगा रहे हैं |

समाजसेवी डॉ.मधेपुरी ने तो अपने सम्बोधन में यहाँ तक कह दिया कि जो समाज के लिए जीता है, वह कभी नहीं मरता | विष्णुदेव बाबू भी सदा जीवित रहेंगे |  अत: उन्हें स्वर्गीय कहना उचित नहीं होगा |

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