विकास कार्यों को गति देने वाले डायनेमिक डी.एम. मो.सोहैल द्वारा आरबिट्रेटर की मदद लेकर विद्युत रेल इंजन कारखाने को तो गति प्रदान कर दी गयी, परन्तु पुलिस लाईन वाली जमीन के मुआवजे के लिए लगाये गये त्रिदिवसीय शिविर में अंचलाधिकारी मिथिलेश कुमार अपनी टीम के साथ किसानों की बाट जोहते रहे, लेकिन उपस्थिति नगण्य रही |
कारण है – ताली एक हाथ से नहीं बजती ! सरकार उस एरिया की जमीन का निबंधन शुल्क लेते समय दर तय की है – एक लाख बीस हजार रू. प्रति डिसमिल, परन्तु किसान को रेट मिल रही है मात्र बीस हजार रू. प्रति डिसमिल | कुछ किसान तो आरम्भ में ले लिए, परन्तु बहुतों ने उच्च न्यायालय में केश दायर कर दिया है | ऐसी जानकारी किसानों द्वारा प्राप्त हो रही है |
मधेपुरा अबतक को पूर्व वार्ड आयुक्त विष्णु देव उर्फ़ विक्रम कुमार एवं समाजसेवी आभाष झा द्वारा यह जानकारी दी गयी कि अंचलाधिकारी मिथिलेश कुमार का कहना है कि विकास कार्यों में सहयोग कीजिए और प्रोटेस्ट के साथ मुआवजा ले लीजिए | बाद में उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार शेष भुगतान कर दिया जायेगा |