भारतवासियों को गौरव से भर देने वाली ख़बर..! अगर अन्तिम क्षणों में कोई उलटफेर ना हो तो भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक श्रीकांत श्रीनिवासन अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के अगले जज होंगे। 23 फरवरी 1967 को जन्मे 48 वर्षीय श्रीनिवासन इस पद पर पहुँचने वाले पहले भारतवंशी होंगे। जस्टिस एंटोनिन स्कैलिया की संदिग्ध अवस्था में अचानक मृत्यु के बाद यह पद रिक्त हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार संभावित जजों की सूची में श्रीकांत श्रीनिवासन का नाम सबसे ऊपर है। श्रीनिवासन अभी कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट सर्किट की अपीलीय अदालत के जज हैं। बता दें कि कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट सर्किट को आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट के लिए नामांकित होने वाले जजों के लिए ‘लांचिंग पैड’ माना जाता है।
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद स्कैलिया के उत्तराधिकारी को नामांकित करने की संवैधानिक जिम्मेदारी को पूरा करने की बात कही है। स्कैलिया रूढ़िवादियों में लोकप्रिय थे। ऐसे में ओबामा इस बात को भलीभाँति जानते हैं कि उन्हें ऐसे उम्मीदवार की तलाश करनी है जिसे रिपब्लिकन भी स्वीकार करें। इस कसौटी पर श्रीनिवासन खरे उतरते हैं क्योंकि कांग्रेस में जबरदस्त राजनीतिक गतिरोध के बावजूद सीनेट में श्रीनिवासन को फेडरल जज बनाने के नामांकन को 97-0 से स्वीकार किया गया था और रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी हासिल करने में जुटे टेड क्रूज और मार्को रूबियो ने भी उनके पक्ष में वोट किया था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में उनका पहुँचना तय माना जा रहा है।
श्रीकांत श्रीनिवासन की ना केवल जड़ भारत में है बल्कि वे दक्षिण और उत्तर भारत के बीच बड़ा दिलचस्प संतुलन भी साधते हैं। वो यूँ कि उनके पिता तिरुनेलवेली के थे और माँ चेन्नई की लेकिन श्रीनिवासन का जन्म चंडीगढ़ में हुआ था। श्रीनिवासन के माता-पिता 1960 में अमेरिका आए थे और पेशे से दोनों शिक्षक थे। पिता कान्सास यूनिवर्सिटी में मैथ्स के प्रोफेसर थे तो माँ कान्सास सिटी आर्ट इंस्टीट्यूट में पढ़ाती थीं।
कठिन परिश्रमी और स्वभाव से उदारवादी श्रीनिवासन ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल और स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से लॉ और बिजनेस में मास्टर्स किया। वे ओबामा के मुख्य उपमहाधिवक्ता रह चुके हैं। 2013 में उन्हें कोलंबिया सर्किट की अपीलीय अदालत का जज नियुक्त किया गया था। इस पद पर भी पहुँचने वाले वे पहले भारतवंशी हैं। अमेरिका के ‘सिलिकॉन वैली’ से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक भारतवंशियों का जलवा… सचमुच ‘असाधारण’ है ये उपलब्धि..!
मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप