PM Narendra Modi

जी हाँ, आपके प्रधानमंत्री के पास नहीं है अपनी गाड़ी..!

आज जबकि भ्रष्टाचार पर्याय बन गया हो राजनीति का और ‘बड़े’ स्तर पर होने वाले ‘छोटे’ घोटाले भी अरबों के होते हों, ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री के पास अपनी गाड़ी तक ना हो तो क्या कहेंगे आप..? आज जबकि नेताओं के लिए ये याद रखना तक मुश्किल हो कि उनके कितने बैंकों में कितने खाते हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री के पद पर आसीन व्यक्ति का दिल्ली में कोई खाता ही ना हो और कैश के नाम पर हों केवल 4700 रुपये तो यकीनन ये बात विस्मय से भर देगी। यकीन मानें हम यहाँ कोई पहेली नहीं बुझा रहे, ये सोलह आने सच है। जी हाँ, ये ब्योरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सम्पत्ति का है जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय ने जारी किया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा घोषित ताजा जानकारी के मुताबिक मोदी के हाथ में पिछले वित्त वर्ष के अन्त में मात्र 4700 रुपया कैश था। वित्त वर्ष के मध्य में यानि 18 अगस्त 2014 को घोषित विवरण में यह राशि 38,700 रुपये की थी। ये जानकारी भी सामने आई कि प्रधानमंत्री मोदी अब भी अपने पुराने बैंक का खाता ही बरकरार रखे हुए हैं। दिल्ली में उनका कोई बैंक खाता नहीं है। इस घोषणा के मुताबिक प्रधानमंत्री के पास कोई मोटर वाहन भी नहीं है।

चल सम्पत्ति की बात करें तो प्रधानमंत्री के पास सोने की चार अंगूठियां हैं जिनका कुल वजन करीब 45 ग्राम और मार्च 2015 के अनुसार कुल मूल्य करीब 1.19 लाख रुपये था। 18 अगस्त 2014 को इन अंगूठियों की कीमत 1.21 लाख रुपये आंकी गई थी। प्रधानमंत्री मोदी के पास 20 हजार रुपये का एलएंडटी इन्फ्रा बॉन्ड (टैक्स सेविंग), करीब 5.45 लाख रुपये के राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्र तथा 1.99 रुपये की जीवन बीमा पॉलिसी है। बता दें कि उनकी कुल चल सम्पत्ति 41.5 लाख रुपये की है।

अचल सम्पत्ति के रूप में मोदी के पास गांधीनगर स्थित एक आवासीय परिसम्पत्ति का चौथाई हिस्सा है। उनके हिस्से में इस परिसम्पत्ति का 3531.45 वर्गफुट का दायरा है जिसमें निर्मित क्षेत्र 169.81 वर्गफुट है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि यह विरासत में मिली परिसम्पत्ति नहीं है। घोषणा के मुताबिक इसे उन्होंने अक्टूबर 2002 में खरीदा था और उस समय इसका मूल्य एक लाख 30 हजार 488 रुपये था। इस जमीन पर निर्माण आदि के तौर पर 2 लाख 47 हजार 208 रुपये का निवेश किया गया। इस तरह इस परिसम्पत्ति की कुल लागत 3 लाख 77 हजार 696 रु. हुई। 13 साल में इसकी कीमत लगभग 26 गुना बढ़ गई और 2015 में इसका बाज़ार मूल्य एक करोड़ आंका गया।

इस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास कुल चल-अचल सम्पत्ति एक करोड़ 41 लाख 50 हजार की है। स्पष्ट है कि इसमें मुख्य योगदान एक रिहायशी प्रॉपर्टी का है और वो भी 13 साल की अवधि में मूल्य बढ़ जाने के कारण।

हमें याद रखना होगा कि हम यहाँ उस शख़्स की बात कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री होने से पूर्व गुजरात जैसे राज्य का मुख्यमंत्री भी रह चुका है और वो भी लगातार चार बार। गुजरात दंगों के कारण उन्हें आरोपों और आलोचनाओं का सामना बेशक करना पड़ा लेकिन उनके धुर विरोधी भी उन पर किसी घोटाले का आरोप नहीं लगा सके। प्रधानमंत्री के रूप में उनकी सम्पत्ति का जो ब्योरा सामने आया है उससे उनकी इस ‘शुचिता’ पर मुहर लगती है। ‘अर्थ’ के युग में वो ‘अनर्थ’ से बचे हुए हैं तो ये सचमुच बड़ी बात है। भौतिकता के पीछे आँख पर पट्टी बांध दौड़ने वालों को क्या अपने प्रधानमंत्री से सीख नहीं लेनी चाहिए..? थोड़ी देर के लिए राजनीति से ऊपर उठकर..?

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

सम्बंधित खबरें