Amitabh, Modi & Shahrukh

बड़ी दिलचस्प है अमिताभ और शाहरुख के साथ मोदी की ये ‘जंग’

नरेन्द्र मोदी… यानि आज की तारीख में भारतीय जनता पार्टी के ‘पर्याय’, भारत के प्रधानमंत्री, विश्व के बड़े राजनेताओं में शुमार… पर ये परिचय पर्याप्त नहीं लगता इनके लिए। सत्ता के शीर्ष पर कोई शख्स पहली बार नहीं पहुँचा है, लोकप्रियता या विश्व भर में चर्चा भी किसी ने पहली बार हासिल की हो ऐसी बात नहीं, तो फिर क्या वजह है कि कोई भी परिचय पर्याप्त नहीं लगता इनके लिए..? चलिए आज की ख़बर और उसके विश्लेषण से इसका जवाब ढूँढ़ने की कोशिश करते हैं।

ख़बर ये है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर फॉलोअर्स की संख्या के लिहाज से बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान को पीछे छोड़ दिया है। कल यानि 16 जनवरी को मोदी के फॉलोअर्स की संख्या 1 करोड़ 73 लाख 71 हजार 600 थी, जबकि शाहरुख के 1 करोड़ 73 लाख 51 हजार 100 फॉलोअर्स थे। शाहरुख को पीछे छोड़ने के साथ ही मोदी ट्विटर पर दूसरे सबसे ज्यादा फॉलोअर वाले भारतीय बन गए हैं। उनसे आगे केवल ‘सदी के महानायक’ अमिताभ बच्चन हैं। अमिताभ के फॉलोअर्स की संख्या करीब 1 करोड़ 89 लाख है।

मोदी ने ट्विटर का बड़ा रचनात्मक उपयोग किया है। इसकी मदद से उन्होंने ना केवल ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्वच्छ भारत’ और ‘सेल्फी विद डॉटर’ जैसे अभियानों को आगे बढ़ाया बल्कि देश के आम नागरिकों के साथ सीधा सम्पर्क भी स्थापित किया। उनके ट्विटर अकाउंट पर फॉलोअर्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले साल 22 नवंबर को उनके फोलाअर्स की संख्या डेढ़ करोड़ को पार कर गई थी। उसके बाद 20 नवंबर को यानि दो महीने से भी कम समय में उनके फॉलोअर्स की संख्या 1 करोड़ 60 लाख से अधिक हो गई। इस बार यानि 16 जनवरी को और भी कम समय में उनके फॉलोअर्स की संख्या में 10 लाख से ज्यादा वृद्धि हुई है।

नरेन्द्र मोदी ट्विटर पर 2009 से सक्रिय हैं। भारतीय नेताओं में उनके फॉलोअर्स की संख्या सर्वाधिक है। पूरी दुनिया के नेताओं की बात करें तो उनसे आगे केवल अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा हैं। देखा जाय तो मोदी के प्रति लोगों का ये आकर्षण अकारण नहीं है। सोशल मीडिया के दौर में बड़ी हो रही पीढ़ी ने स्टेट्समैन की ‘गरिमा’ के साथ एक फिल्मस्टार-सा ‘ग्लैमर’ किसी में देखा तो वो नरेन्द्र मोदी हैं। लोकप्रिय होना या और चर्चा में रहना एक बात है लेकिन आम से लेकर खास तक की दिनचर्या में जिस तरह मोदी शामिल हो गए हैं उस तरह पिछले दो-तीन दशकों में कोई शामिल नहीं हुआ। उससे भी बड़ी बात ये कि भारत की राजनीति के केन्द्र में ‘व्यक्ति’ पहले भी रहे लेकिन मोदी से पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि उस ‘व्यक्ति’ के कद के मुकाबले में कोई दूर-दूर तक ना दिखे – पक्ष और विपक्ष दोनों को मिलाकर भी।

आज अखबारों और पत्रिकाओं के साथ-साथ सैकड़ों चैनल, लाखों साइट्स और करोड़ों स्मार्टफोन की नज़र आप पर होती है। अनगिनत आँखों की मौजूदगी में भी आप ना केवल खुद को ‘साबित’ कर रहे हों बल्कि आपके कद में इजाफा भी हो रहा हो तो ये उपलब्धि ‘असाधारण’ कही जाएगी। एक बात और। ट्विटर और फेसबुक के ज्यादातर यूजर्स 18 से 25 साल के हैं और उन्हें लुभाने और भरमाने को हजारों चीजें हैं इंटरनेट पर, फिर भी 65 साल का कोई पॉलिटिशियन अमिताभ और शाहरुख से ना केवल होड़ लेता है बल्कि उनमें से एक को पीछे छोड़ देता है और दूसरे को भी पीछे छोड़ने की तैयारी में दिखता है तो ये सचमुच बड़ी बात है। जिस रफ्तार से इस करिश्माई राजनेता के फॉलोअर्स बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए हो सकता है अगले कुछ महीनों में ट्विटर पर वो शीर्ष पर हों। नरेन्द्र मोदी ने राजनीति में कई जंगें लड़ी हैं और जीती हैं लेकिन इस ‘जंग’ और इसमें जीत के अलग मायने हैं।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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