पुड्डुचेरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मंगलवार को पुड्डुचेरी पुलिस स्टेशन में एक दलित एक्टिविस्ट ने शिकायत दर्ज कराई है। उन पर राष्ट्रीय झंडे के अपमान का आरोप लगाया गया है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर 21 जून (रविवार) को राजपथ पर योग करते हुए पीएम के गले में तीन रंगों वाली एक चुनरी थी। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि मोदी ने अपने गले में तिरंगा लपेटा था और उन्होंने राष्ट्रीय झंडे का अपमान किया है।
क्या है आपत्ति
आपत्ति दर्ज कराने वाले का दावा है कि मोदी ने योग करते हुए तिरंगा गले में लपेट रखा था। उससे कई बार अपना मुंह पोंछा था। वह जब योग कर रहे थे, तो जमीन पर कई बार तिरंगा छू भी गया था। कई बार उनके पैर से भी तिरंगा सटा था। इस तरह उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया।
पुलिस का बयान
पुलिस ने कहा, ”दलित सेना के स्टेट जनरल सेक्रेटरी सुंदर ने मामला दर्ज कराया है। उनका कहना है कि उन्हें वाट्सऐप पर ऐसी तस्वीरें मिली हैं, जिनमें लग रहा है कि मोदी राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर रहे हैं। गले में अगर तिरंगा झुलाया जा रहा है और उससे योग करते हुए पसीना पोंछा जा रहा है तो यह ध्वज का अपमान है।” शिकायतकर्ता की मांग पर मोदी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
हाल ही में अमिताभ-अभिषेक के खिलाफ हुआ है मुकदमा
तिरंगे के अपमान से जुड़ी शिकायतों में राष्ट्रीय गौरव अपमान रोकथाम अधिनियम 1971 और फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 के तहत धाराएं लगती हैं। अमिताभ बच्चन और उनके बेटे अभिषेक बच्चन पर भी शरीर पर तिरंगा ओढ़ने के मामले में इन्हीं दो कानूनों के तहत गाजियाबाद कोर्ट में 18 जून को मुकदमा दायर किया गया है।
क्या कहते हैं नियम?
फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 के सेक्शन-4 में राष्ट्रध्वज के इस्तेमाल से जुड़े प्रावधान हैं। इसमें कहा गया है कि किसी भी स्थिति में यह सुनिश्चित होना चाहिए कि राष्ट्रध्वज जानबूझकर जमीन पर न गिराया जाए। शहीदों के अंतिम संस्कार के अलावा राष्ट्रध्वज को ओढ़ा या लपेटा भी नहीं जा सकता। वहीं, राष्ट्रीय गौरव अपमान रोकथाम अधिनियम 1971 की धारा 2 कहती है कि कमर के नीचे पहने वाले जाने वाले ड्रेस में भी राष्ट्रध्वज का इस्तेमाल नहीं हो सकता। राष्ट्रध्वज को जानबूझकर जमीन या पानी से छूने देना अपमान की श्रेणी में आएगा। कानून में पहली बार के अपराध के लिए सजा का प्रावधान स्पष्ट नहीं है। यह जरूर कहा गया है कि दूसरी बार दोषी पाए जाने पर अधिकतम एक साल की सजा हो सकती है।
उमा भारती को देना पड़ा था इस्तीफा
राष्ट्रध्वज के अपमान के एक मामले के चलते उमा भारती को 2004 में मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उमा के खिलाफ हुबली में तिरंगा यात्रा के दौरान राष्ट्रध्वज का अपमान करने का मामला दर्ज हुआ था। एक मैगजीन में उनकी तिरंगे साथ तस्वीर छपी थी। हुबली की कोर्ट ने उनके नाम अरेस्ट वारंट जारी कर दिया था। हालांकि, अप्रैल 2015 में उन्हें हुबली के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने बरी कर दिया।