जहां एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव द्वारा हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के क्रम में सूबे के मधेपुरा , पूर्णिया, समस्तीपुर, छपरा एवं बिहटा आदि स्थानों पर पाँच नये मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा के साथ-साथ अगले सत्र से पढ़ाई आरम्भ करने की कवायद भी शुरू की गयी वहीं दूसरी ओर मधेपुरा के डायनेमिक जिलापदाधिकारी मो.सोहैल द्वारा सदर अस्पताल मधेपुरा का औचक निरीक्षण आरम्भ कर विभिन्न वार्डों का जायजा लिया गया तथा दिए गये आवश्यक निर्देशों को पालन करने के लिए हिदायत भी की गयी |
जिलापदाधिकारी मो.सोहैल ने कई ख़ास मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए उपस्थित चिकित्सकों के बीच यह कहते हुए नाराजगी जताई कि आई.सी.यू. भवन निर्माण को पांच वर्ष पूरा होने के बावजूद भी उसे शुरू नहीं किया जाना – जनमानस के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही नहीं तो क्या कहेंगे इसे ?
जिलापदाधिकारी मो.सोहैल ने प्रभारी सी.एस. से कहा कि तत्काल दो बेड को ही सुसज्जित कर आक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से ही आई.सी.यू. शुरू करें | उन्होंने यह भी निदेश दिया कि आई.सी.यू. संचालन के लिए यदि एम.डी. डिग्रीधारी प्रशिक्षित डाक्टर का होना जरूरी है तो उसकी भी व्यवस्था तुरत कर ली जाय |