देश और समाज हमेशा विधि द्वारा नियंत्रित होता रहा है | आरम्भ में व्यक्ति न्यायालय में अपना पक्ष स्वयं निवेदित करते रहे, परन्तु विधि के स्वरुप में जटिलता आने एवं व्यक्ति की निजी कठिनाइयों में वृद्धि होने के कारण अपनी अनुपस्थिति में किसी अन्य को न्यायालय के समक्ष उपस्थित करने की मजबूरियों ने अधिवक्ताओं को जन्म दिया |
आज जहाँ 1916 ई. में स्थापित पटना उच्च न्यायालय अपना शतक पूरा करने जा रहा है वहीँ मधेपुरा व्यवहार न्यायालय में क्रियाशील कुछ अधिवक्तागण अपने कार्यकाल का अर्द्धशतक पूरा कर चुके हैं | उन्हीं में से चार वरीय एवं कर्मनिष्ठ अधिवक्ताओं – मो.अमान उल्लाह, शशिधर सिंह, गजेन्द्र ना.यादव एवं सरयुग साह को पूर्णिया के कला भवन में आयोजित भव्य समारोह में उच्च न्यायालय पटना के मुख्य न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी के कर्मठ कर-कमलों द्वारा प्रशस्ति-पत्र एवं शाल ओढाकर सम्मानित किया गया |
Madhepura Abtak से इन चारो जनों ने कहा कि हमारे सम्मानित होने से मधेपुरा जिला अधिवक्ता संघ सर्वाधिक सम्मानित एवं गौरवान्वित हुआ है | संघ के अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार झा , सचिव कृतनारायण यादव सहित रणधीर सिंह, जवाहर झा, आर्यादास, संध्याकुमारी, अभय कुमार, सदानंद यादव आदि ने सम्मानित सदस्यों को स्वस्थ रहने एवं दीर्घायु होने की शुभकामनाएं दी और यह भी कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा उत्साहवर्धन हेतु यह सम्मान आगे भी जारी रहे……!