जहाँ 20 नवम्बर से पटना के गाँधी मैदान में नीतीश कुमार द्वारा पाँचवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली जा रही हो और अब तक की सबसे युवा सरकार गठित कर बिहार में कानून का राज स्थापित करने हेतु बैठकें की जा रही हो- वहीँ मधेपुरा के भूपेन्द्र स्मृति कला भवन में 22 नवम्बर से भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, कोलकाता के निदेशक डॉ.ओमप्रकाश भारती द्वारा ‘भारत लोकरंग’ के बैनर तले त्रि-दिवसीय ‘राष्ट्रीय लोक नाट्य महोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा हो और जिसमें बिहार, उड़ीसा, बंगाल, मध्यप्रदेश, और छत्तीसगढ़ के युवा कलाकारों के अदभुत कला-प्रदर्शन के जरिये जनमानस में नई चेतना का संचार किया जा रहा हो- तो बिहार को आगे बढ़ने से भला कोई रोक सकेगा क्या ?
इस त्रि-दिवसीय कार्यक्रम का श्री गणेश सम्मिलित रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर डॉ.शांति यादव, डॉ.सुप्रिया अनुजा, प्रो.श्यामल किशोर यादव, डॉ.आलोक कुमार, दशरथ प्र.सिंह, रमण जी, डॉ.सिद्धेश्वर काश्यप, डॉ.विनय कुमार चौधरी, डॉ.अमोल राय एवं डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी द्वारा किया गया | दीप प्रज्ज्वलित करने के बाद डॉ.मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि जब कला और संस्कृति की बात आती है तो मधेपुरा के संस्कृति प्रेमियों के मानस पटल पर केवल और केवल एक नाम उभर कर सामने आता है- डॉ.ओमप्रकाश भारती | सभी कलाप्रेमियों को संदेश के रूप में यही कहा डॉ.मधेपुरी ने-
साहित्य संगीत कलाविहीन: साक्षात पशु: पुच्छ विशानहीन: !
साथ ही मधेपुरा में साहित्य-संस्कृति-कला को गति देने वाले समाजसेवी शौकत अली,इप्टा के सुभाष चन्द्र, जर्नलिस्ट अमिताभ, तुरवसु, सूनीत, वार्ड पार्षद ध्यानी यादव, संदीप शांडिल्य, आनन्द आदि को भी डॉ.मधेपुरी ने हृदय से साधुवाद दिया |