सर्वप्रथम नीतीश मंत्रिपरिषद की बैठक होती है | फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास 7, सर्कुलर रोड में आयोजित जद(यू) विधान मंडल दल की बैठक होती है जिसमें 16वीं विधान सभा के जदयू के 71 विधायकों एवं 26 विधान पार्षदों की मौजूदगी में सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को नेता चुना जाता है |
आगे जब नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुना जाता है तब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद एवं नीतीश कुमार दोनों एक ही कार में बठकर राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मिलकर इस्तीफा देने, 15वीं विधानसभा भंग करने एवं 16वीं विधानसभा के लिए नया मंत्रिमंडल बनाने का दावा पेश करने हेतु राजभवन की ओर कूच करते हैं | काफिले के आगे-आगे प्रमुख नेता होते हैं- जदयू के राष्ट्रीय अद्यक्ष शरद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, कांग्रेस नेता सी.पी.जोशी, जदयू अद्यक्ष वशिस्ठ नारायण सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता के.सी.त्यागी आदि |
नयी सरकार गठन हेतु राज्यपाल द्वारा 20 नवम्बर की तिथि निर्धारित की जाती है | तब तक के लिए केयर टेकर मुख्यमंत्री का दायित्व नीतीश कुमार को सौंपा जाता है | और जानिये, जहाँ नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कोई जीत के गुमान में न रहें, निष्ठापूर्वक काम करें | वहीं लालू प्रसाद ने कहा कि सरकार चलाने की अधिक जिम्मेवारी राजद पर है | और अन्त में महागठबंधन के सूत्रधार राष्ट्रीय नेता शरद यादव ने कहा कि महागठबंधन के तीनों घटक दलों को सदा एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए |