Dr. Asim Prakash

मधेपुरा के डॉ.असीम प्रकाश कलकत्ता में हुए सम्मानित …..!

शहर की चमचमाती रोशनी में ही केवल प्रतिभा नहीं चमकती बल्कि गाँवों की गलियों के अंधेरे में भी प्रतिभा अपनी रोशनी बिखेरती है | तभी तो मुरलीगंज प्रखंड के जीतापुर गांव से सटे द्वारिका टोला के आदर्श दंपति श्रीमती अनिता-डॉ.जयप्रकाश के घर जन्मे डॉ. असीम प्रकाश कोलकाता में आयोजित दो दिवसीय (31Oct – 1Nov) ऑल इंडिया एशोसिएशन ऑफ़ ग्रस्ट्रालॉजी– 2015 के कांन्फ्रेंस में आमंत्रित किये गये |

डॉ.असीम प्रकाश ने Madhepura अबतक को बताया कि इस दो दिवसीय गेस्टोकान सम्मलेन में देश-विदेश से लगभग 500 डॉक्टर भाग लेने आये थे जिसमें गेस्ट्रोइनटेसटाइन एंड लीवर डिजीज पर विस्तार से चर्चाएँ हुईं | एम.बी.बी.एस एवं एम.डी. की डिग्री के अतिरिक्त रूस और अमेरिका से डिग्रीयाँ प्राप्त करनेवाले डॉ.असीम भला किससे पीछे रहने वाले थे | कानफ्रेंस के एकेडेमिक सेशन में हेपेटाइटिस पर सर्वोत्कृष्ट व्याख्यान देने के उपलक्ष्य में डॉ.प्रकाश को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया | इस धरती पुत्र डॉ.असीम के इस सम्मान से Madhepura  ही नहीं सम्पूर्ण बिहार सम्मानित एवं गौरवान्वित हुआ है |

मॉडर्न एप्रोच टू हेपेटाइटिस बी पर विचार व्यक्त करते हुए ख्यातिप्राप्त डॉ.विजय प्रकाश के सहयोगी डॉ.असीम प्रकाश ने कहा- यह बीमारी एड्स से भी अधिक खतरनाक है | इसके भयावह फैलाव का अंदाजा तो इसी से लगाया जा सकता है कि हर बीस लोगों में से एक इसी बीमारी की चपेट में है | उन्होंने कहा कि इस बीमारी का लम्बा इलाज है जिसे पूर्णत: ठीक होने में लगभग पाँच साल तक लग सकता है |

अन्त में अपनी नवविवाहिता डॉक्टर धर्मपत्नी डॉ.नेहा की उपस्थिति में डॉ.असीम प्रकाश ने मधेपुरा ( Madhepura ) अबतक से कहा कि लोग इस बीमारी के बारे में अभी भी अनभिज्ञ हैं | लोगों को पूरी तरह सजग करने की जरुरत है | जागरूक करने के बाबत उन्होंने लोगों से इस बीमारी के मूल कारणों को यूँ गिनाया- गलत निडिल का प्रयोग, संक्रमित ब्लड चढ़ाना एवं असुरक्षित प्रसव के साथ-साथ संक्रमित लोगों से यौन सम्बन्ध बनाना आदि | डॉ.असीम प्रकाश ने पुरुष से अधिक महिलाओं पर इस बीमारी के खतरे की चर्चा की और यह भी कहा कि अब छोटे-छोटे शहरों में भी इस बीमारी का फैलाव तेजी से होने लगा है |

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