Dr. Bhupendra Madhepuri with Madhepura S.P Ashish Kumar at his residence

मधेपुरा एस.पी. आशीष की माँ मुद्रिका देवी नहीं रहीं

अगले क्षण क्या होगा कोई नहीं जानता | कोई सोचा नहीं होगा कि अपने आई.पी.एस. बेटे आशीष की शादी कराये बिना और बहु को शुभाशीष दिए बिना ही माँ मुद्रिका अचानक आँखें बन्द कर लेगी…. और किसे पता होगा कि 5 नवम्बर को अपने मताधिकार का प्रयोग किये बिना ही वह माँ अपने बच्चों को छोड़कर दुनिया को अलविदा कह देगी….. जो जहाँ सुना चल दिया मधेपुरा एस.पी. निवास की ओर | ताँता लगा रहा श्रधांजलि देने वालों की |

श्रधांजलि देने के क्रम में शहर के अतिसंवेदनशील समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने अपने हिस्से की संवेदना व्यक्त करते हुए एस.पी.आशीष कुमार से संवाददाता देवेन्द्र कुमार एवं स्थानीय डॉ.परवेज अख्तर की उपस्थिति में बस यही कहा-

आम लोगों पर जब आपदा या विपदा आती है तो आप जैसे पदाधिकारी उन पीड़ितों को सांत्वना देते हैं, परन्तु आज आपको ही इस चीज की जरुरत हो गई है | मैं आपसे यही कहूँगा- माँ माँ होती है | माँ का कोई विकल्प नहीं होता है | इसकी भरपाई कभी नहीं और कोई नहीं कर सकता | यूँ माँ को परिभाषित नहीं किया जा सकता है फिर भी किसी ने इतना ही कह पाया है – “ God can’t be everywhere, so he created Mother.”

अन्त में डॉ.मधेपुरी ने शायर डॉ.शमशाद की दो पंक्तियाँ एस.पी.आशीष को कह सुनाया-

पीकर कौन आया है यहाँ आबेहयात !
बनी है ये दुनिया एक रोज जाने के लिए !!

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