Artists of Madhepura performing in a play Khauf.

एक ओर दुर्गा-काली…… जैसी पूजी जानेवाली देवियाँ और दूसरी ओर भ्रूण हत्याएं झेल रही बेटियाँ !

“ संवदिया ” के बैनर तले स्थानीय एम.एस.पब्लिक स्कूल के परिसर में मंजरी श्रीवास्तव के नाटक “खौफ” की प्रस्तुति की गई जिसका सफल निर्देशन मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त मो.शहंशाह द्वारा किया गया | सम्पूर्ण प्रस्तुति में भ्रूण-हत्या, दहेज़ व बलात्कार को ही चित्रित नहीं किया गया बल्कि सम्पूर्ण भारतीय वांगमय की संस्कृति को उकेरते हुए तेजी से विलोपित हो रहे नारी सम्मान को भी दर्शाया गया |

नाटक ‘खौफ’ को केवल तीन कलाकारों द्वारा मंचित किया गया | मुख्य भूमिका में निर्देशक मो.शहंशाह के साथ-साथ रवि वर्मा एवं मास्टर शिवम् ने शानदार अभिनय की प्रस्तुति से दर्शकों को हिलने नहीं दिया, बल्कि अन्त तक बांधे रखा |

रंग मंच की व्यवस्था, वेश-भूषा, प्रकाश-ध्वनि, अभिनेताओं की भाव-भंगिमा एवं गीत-रचना सहित मंच सज्जा, रूप-सज्जा एवं सुर-संगीत के लिए सजग होकर अन्त तक लगे रहे- सोनीराज, कार्तिक कुमार, अमित कुमार अंशु, मो.आतिफ, रुपेश-मिथुन-रौशन, प्रीती-रवि-प्रिया, राजकुमार एवं दिलखुश |

आरम्भ में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा आगत अतिथियों के लिए स्वागत गान प्रस्तुत किया गया | फिर कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी सहित प्रो.श्यामल किशोर, डॉ.विनय चौधरी, डॉ.आलोक कुमार, प्राचार्य शिव नारायण मंडल, सचिव मकेश्वर यादव ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया |

Dr.Bhupendra Madhepuri delivering inaugural speech.
Dr.Bhupendra Madhepuri delivering inaugural speech.

डॉ.मधेपुरी ने उद्घाटन भाषण के क्रम में उपस्थित शिक्षकों एवं अभिभावकों से कहा- आप अपने बच्चों को जो भी बनाना चाहें वो बनायें, लेकिन रंग कर्म से उन्हें विमुख नहीं होने दें ……| उन्होंने यह भी कहा कि मो.शहंशाह अपने नाटकीय कौशल एवं संवादों के जरिये दर्शकों पर अपने अभिनय का गहरा प्रभाव छोड़ता रहा है |

डॉ.मधेपुरी ने मधेपुरा अबतक को बताया कि शहंशाह के साथ-साथ रवि और शिवम् के अभिनय का प्रवाह उपस्थित दर्शकों को क्षण-दो-क्षण के लिए व्रह्मा-विष्णु-महेश की यादें दिला जाती हैं एवं माँ की यादों को तरोताजा कर जाती हैं | इसके अलावे इन कलाकारों के स्वरों के उतार-चढ़ाव एवं प्रस्तुति के लहजे, यह कि – माँ चाहिए, बहन चाहिए, बहु चाहिए……. लेकिन बेटी नहीं चाहिए…. को सुन-सुनकर नाटकीय प्रदर्शन के दौरान श्रोताओं की आँखें नम हो गई | अभिनय के इन्हीं रूपों एवं स्वरूपों के प्रयोग से ही तो चतुर्दिक रसानुभूति उत्पन्न होने लगी जिसे इन नवोदित कलाकारों की सफलता मानी जा सकती है |

उपस्थित गणमान्यों प्राचार्य श्यामल किशोर यादव, डॉ.आलोक कुमार, डॉ.विनय कुमार चौधरी आदि ने भी अपने-अपने संबोधन में कलाकारों को खूब प्रोत्साहित किया |

Artists of Samvadiya Group.
Amit Kumar Anshu introducing Artists of Samvadiya Group.

अन्त में संवदिया के सचिव सुकेश राणा ने अपने सभी कलाकारों अंजलि-इमरान-आदित्य एवं कुणाल-अमल-उज्जवल सहित शिवानी-शाहनवाज-शकील के साथ मतदाता जागरण गीत की प्रस्तुति देकर कलाकारों को अच्छे प्रदर्शन हेतु साधुवाद दिया | मंच संचालन अमित कुमार अंशु एवं धन्यवाद ज्ञापन अमल कुमार सिंह द्वारा किया गया |

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