Dr.Bhupendra Madhepuri inaugurating 39th National Science Day at BP Mandal Engineering College Madhepura

विज्ञान के इनोवेटिव रिसर्च से ही देश को ग्लोबल प्रतिष्ठा प्राप्त होगी- डॉ.मधेपुरी

39वां राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में भौतिकी के लोकप्रिय प्रोफेसर डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज के भव्य ऑडिटोरियम में जिले के वर्ग 6 से 12 तक के “सीवी रमन टैलेंट सर्च टेस्ट” द्वारा चयनित स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच विस्तार से हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत में ढेर सारी वैज्ञानिक दिलचस्प बातें कही। डॉ.मधेपुरी ने लगभग 1 घंटे से अधिक समय तक बच्चों में विज्ञान के प्रति दिलचस्पी व जागरूकता बढ़ाते हुए यही कहा कि अतीत को जाने बिना कोई भी व्यक्ति ना तो अपने भविष्य को गढ़ सकता है और ना ही वर्तमान में दो कदम आगे बढ़ सकता है।

न्यूटन, आइंस्टीन, सीवी रमन, होमी जहांगीर भाभा और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की कहानियों के माध्यम से उन्होंने बच्चों से कहा कि वृक्ष से सेब गिरते तो सबों ने देखा, परंतु न्यूटन की नजर पड़ते ही ‘न्यूटन्स लॉज ऑफ़ ग्रेविटेशन’ बन गया। चाय तो सभी पीते रहे लेकिन न्यूटन के द्वारा चाय पीते ही ‘न्यूटन्स लॉज ऑफ़ कुलिंग’ बन गया। समुद्री पानी और आकाश का नीला रंग तो सबों ने देखा, परंतु सीवी रमन की जब नजर पड़ी तो ‘रमन इफेक्ट’ बनकर नोबेल पुरस्कार पा लिया। बच्चो ! तुम्हारे आसपास ढेर सारी वैज्ञानिक चीजें पड़ी हैं। उन्हें खोजी नजर से देखने की कोशिश करो। कोशिश का दुनिया में कोई विकल्प नहीं है। तभी तो सीवी रमन ने 1921 में समुद्री जल और आकाश का रंग नीला होने का वैज्ञानिक कारण तलाशना शुरू किया और 7 वर्षों के अनवरत परिश्रम, प्रयास और अभ्यास के बाद 28 फरवरी 1928 को सफल होकर “रमन इफेक्ट” की घोषणा की। किसी को भी शॉर्टकट से ऊंचाई प्राप्त नहीं होती। ऊंचाई पाने के लिए कठिन प्रयास और सतत अभ्यास की आवश्यकता होती है। विज्ञान के इनोवेटिव रिसर्च से ही देश को ग्लोबल प्रतिष्ठा प्राप्त होगी। विज्ञान रहित मानव जीवन आधा, अधूरा और असंभव है।

 

 

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