भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के 79वें जन्म दिवस पर यूनाइटेड नेशन्स द्वारा 2010 में ही यह घोषणा की गई थी कि उनकी जयंती 15 अक्टूबर को “वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे” के रूप मनाई जाय | फिर 27 जुलाई 2015 को शिलांग में जब गाँधीयन मिसाइल मैन डॉ.कलाम ने व्याख्यान देते समय ही हृदयाघात के कारण दुनिया को अलविदा कह दिया तो 29 जुलाई 2015 को पुन: यूनाइटेड नेशन्स द्वारा कलाम के जन्म दिन 15 अक्टूबर को ‘इंटरनेशनल स्टूडेंट्स डे’ के रूप में मनाने की घोषणा कर दी गई |
स्थानीय तुलसी पब्लिक स्कूल द्वारा ऋषिओं की तरह जीवन जीने वाले भारत के अमूल्य रत्न डॉ.कलाम की 85वीं जयंती को मनाने हेतु भव्य समारोह का आयोजन किया गया | इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में डॉ.कलाम पर लिखी कई पुस्तकों के लेखक एवं समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी के द्वारा दिए गये व्याख्यान को सुनकर शिक्षकों की ही नहीं बल्कि छात्रों की आँखें भी नम हो गई | डॉ. मधेपुरी ने कहा- “ मेरे प्यारे छात्रो ! भारत की पुण्य भूमि पर खोदा गया एक कुआँ है तेरा कलाम !! तुम विश्वास की बाल्टी में संघर्ष की डोरी लगाकर उस कुँए से गंगा-जमजम का जितना पानी चाहो निकालते रहना- वह कभी नहीं खाली होगा | तुम्हारा कलाम कल्पतरु है, कामधेनु है |” डॉ.मधेपुरी ने घंटों सामनेवाले को बांधे रखा और शून्य से शिखर तक यानी रामेश्वरम से राष्ट्रपति भवन तक की चित्रमय कहानी सुना-सुनाकर नयनों से अश्रुकण टपकाते रहे |
आरम्भ में जयन्ती समारोह का उद्घाटन डॉ. मधेपुरी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया | फिर अतिथियों-शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा डॉ.कलाम की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ | लगे हाथ मुख्य अतिथि डॉ. मधेपुरी को बुके एवं माला से निदेशक व प्राचार्य द्वारा स्वागत किया गया |
इस कार्यक्रम की विशेषता यही रही कि वर्ग एक से सात तक की कुल 23 छात्र-छात्राओं द्वारा कलाम के बाबत हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में भाषण दिया गया | जो जितना छोटा था वह उतना बेहतरीन भाषण देता गया | शुभम स्टालिन हिन्दी में तथा अंकुश कुमार अंग्रेजी में भाषण देकर सबों को मन्त्रमुग्ध कर दिया | शेष छात्रों में सुमन कुमार, अभिमन्यु, ज्ञानेंद्र गौरव, विकास कुमार, ज्ञानेंद्र गौतम, शाश्वत, अभिनव, आशुतोष आर्यन, अमन, सत्यमेव, नवनीत, सोनू आदि में अधिकांश अंग्रेजी में ही अपना उद्गार व्यक्त किया | छात्राओं में कृष्णा, अदिति परमार, नैना कुमारी, डिम्पल, काजल, शिवानी, आस्थाप्रिया, जिया आदि संभावनाओं से भरी नजर आती रही |
सभी बच्चों को पुरस्कार देने के बाद मुख्य अतिथि डॉ. मधेपुरी ने मिठाइयाँ बांटी और टी.पी.एस. के निदेशक श्यामल कुमार सुमित्र सहित निर्मल कुमार, मनीषा सिंह, रेणु, रोजी, गजाला, प्रियंका, रिया, शबनम, मनोज, विभीषण, मनु, वरुण, संतोष आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं को बच्चों की बेहतरीन तैयारी कराने हेतु हृदय से साधुवाद दिया | अन्त में प्राचार्य हरिनंदन यादव द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया |