भूपेन्द्र बाबू जैसे संत राजनीतिज्ञ को याद करना हम सब का परम कर्तव्य- डॉ.मधेपुरी

स्थानीय भूपेन्द्र चौक पर एनएच106 की अप्रत्याशित ऊंचाई बढाये जाने के बाद नए कलेवर में बने मनीषी भूपेन्द्र नारायण मंडल की प्रतिमा मंडप पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी की अध्यक्षता में 1 फरवरी को उनकी 121वीं जयंती भव्य समारोह के रूप में प्रातः 9:30 बजे मनाई गई। मौके पर दो सरकारी एवं तीन गैर सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं की मौजूदगी में बैनर और बैंड बाजा के साथ भूपेन्द्र बाबू अमर रहे के नारे लगते रहे।

इस अवसर पर उनकी प्रतिमा पर सर्वप्रथम माल्यार्पण करते हुए अध्यक्ष डॉ.मधेपुरी ने कहा कि भूपेन्द्र नारायण मंडल सरीखे संत राजनीतिज्ञ को सदैव याद करना हम सबका परम कर्तव्य है। डॉ.राम मनोहर लोहिया की तरह भूपेन्द्र बाबू भी समाजवादी विचारधारा के अग्रणी महानायक रहे हैं। वे दोनों समस्त समाजवादियों के प्रेरणा स्रोत रहे हैं और आगे भी रहेंगे। डॉ.मधेपुरी ने उन्हें सुलझे सोच का नेक इंसान बताया और कहा कि वे जीवन भर विषमता मिटाने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के जरिए छुआछूत की दीवार को गिराने में लगे रहे।

मौके पर साहित्यकार प्रो.सिद्धेश्वर कश्यप एवं पूर्व प्रधानाध्यापक डॉ.सुरेश भूषण ने कहा कि उनका संपूर्ण जीवन एक खुली किताब की तरह है। बीएनएमयू के पूर्व जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.अरुण कुमार ने कहा कि वे भारतीय संसद में सदैव गरीब गुरबों के हित के लिए लड़ते रहे। डॉ.रामचंद्र यादव, डॉ आलोक कुमार एवं पूर्व उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव तथा शिक्षक नेता परमेश्वरी प्रसाद यादव ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू एक ऐसे इंसान थे जिन्हें ना तो हार में कभी गम हुआ और ना जीत में खुशी। ज्ञानदीप निकेतन के निदेशक चिरामणि यादव, अधिवक्ता सीताराम पंडित एवं बीएनएमयू की शोधार्थी जयश्री ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू वैसौं की मदद करते थे जिन पर किसी की नजर नहीं पड़ती थी। इसके अलावे संजीव लोचन, सतीश चंद्र, संत कुमार, अमरेश कुमार, भारत भूषण मुन्ना जी, महेंद्र साह, रामकुमार, पप्पू कुमार, संजय मुखिया, समाजसेवीका विनीता भारती, सीपीएम नेता मानव, शिक्षक गणेश कुमार आदि भूपेन्द्र विचारधारा के सभी समर्थकों ने पुष्पांजलि एवं श्रद्धांजलि दी। अंत में समाजसेवी शौकत अली ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गई।

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