भौतिकी के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च सम्मान ‘नोबेल पुरस्कार’ प्राप्त करने वाले भारत के पहले वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन, जिन्हें दुनिया सीवी रमन के नाम से जानती है, की 136वीं जन्म जयंती बीएन मंडल विश्वविद्यालय के भौतिकी के यूनिवर्सिटी प्रोफेसर डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने स्कूली बच्चों एवं शिक्षकों के बीच अपने निवास ‘वृंदावन’ में मनायी। सीवी रमन को प्रकाश और उसके व्यवहार का अध्ययन करना सर्वाधिक पसंद था। रमन ने यह पाया कि जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरता है तो उसका कुछ भाग बिखर जाता है और रंग बदल जाता है- जिसे “रमन प्रभाव” के नाम से दुनिया जानती है।
इस अवसर पर डॉ.मधेपुरी ने बच्चों से कहा कि महान वैज्ञानिक सीवी रमन का जन्म तमिलनाडु राज्य में तब हुआ था जब उसका नाम मद्रास प्रोविंस था। लाइट स्कैटरिंग के लिए उन्हें 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। डॉ.मधेपुरी ने वैज्ञानिक रमन के विचारों को संदर्भित करते हुए बच्चों से यही कहा कि तुम्हारा असली खजाना बुद्धि और शारीरिक शक्ति में निहित है। तुम्हारा समर्पण ही तुम्हें एक दिन तुम्हें सीवी रमन बना देगा। तुम्हें अपनी असली ताकत देखने के लिए दो प्रमुख बुधाएं “हीनता एवं झिझक” को दूर करना होगा । अंदर के आत्मविश्वास को बढ़ाना होगा, क्योंकि विश्वास हर किसी के जीवन में एक मार्गदर्शक सितारे की तरह होता है। आत्मविश्वास जीवन में कोई भी चमत्कार ला सकता है।
अंत में विज्ञान में अभिरुचि रखने वाले बच्चों- रश्मि कुमारी, आदित्य कुमार, बाबुल-आलोक, प्रियांशु, सूर्यवंशम, आयुष, अंकित, प्रणव भारती, नीतीश राज, शिवम कुमारी, ऋतुराज सहित शिक्षकवृंद चिरामणि यादव, गणेश कुमार, नीरज कुमार एवं अन्य लोगों के बीच डॉ.मधेपुरी द्वारा कलम और मिठाइयां बांटी गई।