मधेपुरा के जननायक कर्पूरी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जननायक कर्पूरी की 100वीं जयंती प्राचार्य प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में मनाई गई। जयंती समारोह के उद्घाटनकर्ता के रूप में जहां दर्जनों मोटिवेशनल पुस्तकों के लेखक सह मधेपुरा जिला के सुविख्यात अपर समाहर्ता श्री रवींद्र नाथ प्रसाद सिंह रहे वहीं मुख्य अतिथि के रूप में समाजसेवी-साहित्यकार एवं बीएनएमयू में परीक्षा नियंत्रक, कुलानुशासन, कुलसचिव आदि पदों पर कार्यरत रहे प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी मौजूद थे।
सर्वप्रथम समारोह का उद्घाटन अतिथियों ने जन नायक कर्पूरी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि कर की। उद्घाटनकर्ता अपर समाहर्ता रवींद्र नाथ ने अपने संबोधन में घंटों मेडिकल के छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट किया । उन्होंने सफलता के गूढ़ रहस्यों को घूम-घूम कर प्रश्नोत्तर के सहारे समझाया और खूब तालियां बटोरी।
अंत में उन्होंने कहा कि सरकार के एक भी पैसे को अपने ऊपर खर्च नहीं करने वाले एवं अंतिम सांस तक सहजता का प्रतीक बने रहने वाले बिहार के उस मुख्यमंत्री को दुनिया जन नायक कर्पूरी ठाकुर के नाम से जानती है। उन्होंने विस्तार से उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए छात्र-छात्राओं को खूब उत्साहित किया और अच्छे चिकित्सक बनकर जननायक कर्पूरी की तरह देश सेवा के लिए प्रेरित भी किया।
मुख्य अतिथि डॉ.मधेपुरी ने समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र नारायण मंडल और भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि आज भी बिहार की धरती पर जन नायक कर्पूरी के पांवों के निशान मौजूद हैं। वे आज भी प्रेरणा स्रोत हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने जन नायक के किस्सों को विस्तार से बताते हुए कहा कि वे हमारे अतीत हैं। हम अपने अतीत को जाने बिना ना तो अपने भविष्य को गढ़ सकते हैं और ना ही वर्तमान में एक कदम आगे बढ़ सकते हैं। डॉ.मधेपुरी ने मेडिकल के छात्रों को डाॅ.ए.केराॅल की पुस्तक ‘मैन द अननोन’ पढ़ने की सलाह दी।
अंत में अध्यक्षीय संबोधन में जेएनकेटी के प्राचार्य प्रो. (डॉ.)भूपेन्द्र प्रसाद ने कहा कि जन नायक कर्पूरी ताजिंदगी सहजता और सरलता के प्रतीक बने रहे। वे पिछड़ों के मसीहा कहे जाते थे। वे कठोर निर्णय लेने के बाद भी कभी घबराते नहीं थे। वे आजीवन अंग्रेजों और अंग्रेजी को हटाने में लगे रहे। कर्पूरी डिविजन आज भी लोगों की जुबान पर है। इस अवसर पर डॉ.वीरेंद्र कुमार, रेवेन्यू ऑफिसर विकास कुमार आदि ने भी समारोह में अपने विचार व्यक्त किए।