डॉ. रवि ने मधेपुरा की कई पीढ़ियों को प्रेरित किया: गुड्डी देवी

आज जिला जदयू कार्यालय में जदयू के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव, मधेपुरा के पूर्व सांसद, राज्यसभा के पूर्व सदस्य तथा भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ. रमेन्द्र कुमार यादव रवि जी की 81वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर वरिष्ठ नेता व समाजसेवी-साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, पार्टी की जिलाध्यक्ष श्रीमती गुड्डी देवी, मुख्य प्रवक्ता डॉ. नीरज कुमार, वरिष्ठ नेता श्री महेन्द्र पटेल, श्री नरेश पासवान, श्री अशोक चौधरी, श्री अखिलेश यादव, श्री सीताराम पंडित, श्री यादव उमेश कुमार, श्री मनोज भटनागर, श्री रामकृष्ण यादव, श्री आनंद रजक, श्री मनोज राय, श्री गणेश कुमार, श्री शिवनंदन यादव, श्री सुधांशु शेखर, श्री बिरेन्द्र राय सहित बड़ी संख्या में पार्टी के नेता व कार्यकर्तागण उपस्थित रहे। सभी लोगों ने डॉ. रवि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया।

इस मौके पर अपने संबोधन में डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि डॉ. रवि मधेपुरा के गौरवपुरुष हैं। उन्होंने राजनीति, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में एक साथ गौरव-पताका फहराया था। उन जैसे अद्भुत वक्ता बार-बार जन्म नहीं लेते। उनके संबोधनों से संसद के दोनों सदन गुंजायमान हुए। उनकी लिखी किताबें आज दुनिया के सौ से ज्यादा देशों में है। उन पर कई शोध हुए हैं और आगे भी होंगे। भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति के रूप में उन्होंने ऐतिहासिक भूमिका निभाई। उनके योगदान को मधेपुरा युगों तक याद रखेगा।

जिलाध्यक्ष श्रीमती गुड्डी देवी ने कहा कि डॉ. रवि हम सभी के अभिभावक और मार्गदर्शक थे। डॉ. रवि ने मधेपुरा की कई पीढ़ियों को प्रेरित किया और आगे भी करते रहेंगे। मधेपुरा की मिट्टी हमेशा उनकी ऋणी रहेगी। उनके बताए रास्ते पर चलना ही उनके प्रति हमलोगों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

मुख्य प्रवक्ता डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि डॉ. रवि संस्कार से पक्के समाजवादी थे। उन जैसे लोग बिरले ही होते हैं। ये हमलोगों का सौभाग्य है कि हमें उनका सानिध्य मिला।

श्री महेन्द्र पटेल ने कहा कि डॉ. रवि का व्यक्तित्व ऐसा था कि कोई उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता था। देश की बड़ी-बड़ी हस्तियां उनकी प्रशंसक थीं।

श्री नरेश पासवान ने कहा कि डॉ. रवि हमेशा सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे। वे जितने बड़े राजनेता, शिक्षाविद और साहित्यकार थे, उतने ही बड़े समाजसेवक भी थे।

 

सम्बंधित खबरें